पटना: अररिया के 42 वर्षीय लक्ष्मण मेहता पिछले दो महीने से पीएमसीएच में जिंदगी से संघर्ष कर रहा है. गरीबी और लाचारी से हालात इतने बदतर हो गये हैं कि एक पैर कटने के बाद अस्पताल तक आने के लिए भी रुपये नहीं थे. गांव में आसपास के लोगों से कर्ज व चंदा इकट्ठा कर अपनी पत्नी चंचला देवी व 4 साल के मासूम बेटे के साथ अस्पताल तो पहुंच गया, लेकिन अब उसका इलाज नहीं हो पा रहा है.
यूपी के बलिया जिले के 65 साल के उमाशंकर की बेटी व दामाद पटना में ही रहते हैं. बुजुर्ग के सीने में घाव अब कैंसर का रूप धारण कर चुका है, जिसका इलाज व सिंकाई अति आवश्यक है. कैंसर के इलाज को लेकर मरीज पटना आये, लेकिन इलाज नहीं मिला तो वह थक हार कर अपनी बेटी के घर चले गये. जब दर्द अधिक हुआ, तो वह फिर पीएमसीएच आये, जहां 40 दिन से वह पीएमसीएच रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास अपना डेरा डाले हुए हैं. बुजुर्ग मरीज का कहना है कि वह रोजाना कैंसर विभाग के पास जाते हैं, लेकिन सिंकाई करने के लिए एक सप्ताह बाद आने की बात कह दी जाती है.
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समय पर इलाज व ऑपरेशन नहीं होने का फायदा पीएमसीएच में घूम रहे दलाल उठा रहे हैं. लाचार व बेसहारा हालत में देख दलालों ने दोनों मरीजों को झांसे में डाल कर डॉक्टर से तुरंत इलाज व सर्जरी कराने के नाम पर रुपये भी ठग लिये.
उमाशंकर का कहना है कि उसके पास करीब 85 सौ रुपये थे. डॉक्टर से समय दिलाने व तुरंत सिंकाई कराने के नाम पर एक दलाल ने उनसे सभी रुपये ठग लिये और भाग गया. वहीं, लक्ष्मण की पत्नी चंचला का कहना है कि चंदा व कर्ज के करीब 11 हजार रुपये थे. चार दिन से एक दलाल लक्ष्मण बातचीत कर रहा था. खुद को पीएमसीएच का कर्मचारी बताया और सर्जरी कराने के नाम पर सभी रुपये लेकर फरार हो गया. पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर वह पीएमसीएच में दिखे, तो उसको पहचान लेंगे.
किस मरीज के साथ ठगी हुई है और ऑपरेशन व सिंकाई क्यों नहीं हो पा रही, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. मेरे पास किसी भी मरीज ने शिकायत नहीं की है. अगर मेरे पास लिखित में शिकायत आती है, तो जरूर कार्रवाई करूंगा.
डॉ विमल कारक, अधीक्षक, पीएमसीएच
( आनंद तिवारी की रिपोर्ट )
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya