पटना. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा में बिहार को अधिक राशि देने के प्रावधान का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकायों के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पहली बार 70 हजार 51 करोड़ रुपये की अनुदान राशि की अनुशंसा की गयी है. इसमें बिहार के लिए छह हजार 17 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
कोविड-19 महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार एवं आयोग का यह कदम दूरदर्शितापूर्ण और विकास को बढ़ावा देने वाला है. यह देश के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है.
आयोग ने 2021 से 2026 की अवधि के लिए केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी को 9.66 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.058 प्रतिशत कर दिया है. 14वें वित्तीय आयोग की तुलना में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 645 करोड़ रुपये अधिक देने की अनुशंसा की गयी है.
पंचायती राज संस्थाओं के तीनों स्तर जिला पर्षद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत को पहली बार अनुदान दिया गया है. इसके अलावा सूबे के शहरी निकायों के लिए 11 हजार 689 करोड़ रुपये की अनुशंसा की गयी है, जो 14वें वित्त आयोग से दो हजार 140 करोड़ ज्यादा है.
शहरी निकायों के अनुदान की राशि में करीब पांच गुना की बढ़ोतरी की गयी है. नये शहरों की स्थापना के लिए आठ हजार करोड़ रुपये की अनुशंसा की गयी है. यह अनुदान प्रतिस्पर्द्धा आधारित होगी और बिहार में शहरीकरण को इससे बढ़ावा मिलेगा.
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत एसडीआरएफ के लिए बिहार को 10 हजार 432 करोड़ रुपये मिलेंगे. बिहार जैसे आपदाग्रस्त राज्य के लिए यह राशि बेहद महत्वपूर्ण है.
Posted by Ashish Jha