गुजरात से बिहार तक आयकर विभाग का छापा, पटना में इस राजनीतिक दल के कार्यालय में आयी स्पेशल टीम
बिहार में भारतीय जनक्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के कार्यालय में आयकर विभाग की स्पेशल टीम पहुंची है. आयकर विभाग की टीम यहां पर छापेमारी कर रही है. पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर इलाके में स्थित सुरेश दत्त मिश्रा के मकान में इस पार्टी कार्यालय हैं और राकेश दत्त मिश्रा इस पार्टी के प्रमुख हैं.
पटना. अवैध तरीके चंदा वसूली के मामले में आयकर विभाग ने गुजरात से लेकर बिहार तक में छापेमारी की है. देश के 111 छोटे रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों के 160 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. बिहार में भारतीय जनक्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के कार्यालय में आयकर विभाग की स्पेशल टीम पहुंची है. आयकर विभाग की टीम यहां पर छापेमारी कर रही है. पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर इलाके में स्थित सुरेश दत्त मिश्रा के मकान में इस पार्टी कार्यालय हैं और राकेश दत्त मिश्रा इस पार्टी के प्रमुख हैं. छापेमारी के लिए गुजरात से आयकर विभाग के अधिकारियों की विशेष टीम आई थी.
कुछ डायरियां भी बरामद की गयी हैं
भारतीय जनक्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के कार्यालय पर हुई इस छापेमारी में बड़ी संख्या में कागजात मिले हैं. कुछ डायरियां भी बरामद की गयी हैं. बताया जाता है कि इनमें राजनीतिक चंदे का हिसाब-किताब है. कहां से कितनी राशि मिली और इन्हें किस तरह से प्राप्त किया गया (यानी चेक कैश या अन्य माध्यम) जैसे विवरण हैं. जब्त दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है. अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस चंदे का कहां उपयोग किया गया. साथ ही इस बात का भी पता चल सकेगा कि पार्टी को अभी तक कितना चंदा मिला है.
कई राज्यों में एक साथ छापे
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि पटना के साथ साथ देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी छापेमारी हुई हैं. आईटी डिपार्टमेंट की टीम ने अलग अलग राजनीतिक दलों के ठिकानों पर एक साथ रेड डाली. इस दौरान सभी स्थानों पर तमाम कागजात और संबंधित पार्टियों के पासबुक समेत अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं. इनके माध्यम से चंदे के बारे में जानकारी जुटायी जाएगी. निर्वाचन आयोग से ऐसे 66 छोटे दलों ने चंदा देने वालों को टैक्स में छूट प्रदान करने के लिए उनके दलों को अधिकृत करने का अनुरोध किया था. मामले की जांच के दौरान पूरा रैकेट सामने आया है.
क्या है पूरा मामला?
बताया जाता है कि आयकर विभाग को छोटे दलों द्वारा कई रसूखदार लोगों या घरानों से चंदा के रूप में ब्लैकमनी हासिल करने की सूचना मिली थी. चंदे की राशि का कुछ हिस्सा अपने पास रखकर बाकी की रकम संबंधित व्यक्ति या घरानों को लौटा दिया जाता है. इससे संबंधित व्यक्ति को आयकर में बड़ी राहत मिल जाती है. इसके अलावा कुछ बड़े या अन्य दलों के नाम पर छोटे दलों द्वारा चंदा उगाही करने की बात भी सामने आयी है. इस राशि में भी कुछ प्रतिशत काटकर संबंधित दल को दे दिया जाता है. इनमें कई पार्टियां ऐसी भी हैं, जिनका कोई वजूद ही नहीं है. ये सिर्फ चंदा उगाही के लिए ही बनायी गयी हैं.