स्वतंत्रता दिवस के पूर्व महिला कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम

स्वतंत्रता दिवस के पूर्व महिला कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.इसमें मगध महिला कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस विभाग की ओर से भारत के स्वर्णिम इतिहास से दर्शकों को रूबरू कराया

By RajeshKumar Ojha | August 15, 2024 7:05 AM

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राजधानी में हर तरफ आजादी के तराने गूंजते रहे. शहर तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया. विभिन्न स्कूल-कॉलेजों से लेकर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में कार्यक्रमों की धूम रही. कहीं रैली निकाली गयी, तो कहीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गयी. ‘हर घर तिरंगा’ को लेकर भी पटनाइट्स में काफी उत्साह दिखा. सरकारी कार्यालयों, मुख्य मार्गो और चौराहों को भव्य रूप से सजाया गया. शाम के समय पूरा शहर देश भक्ति के वातावरण में डूबा रहा. वहीं बाजार में खादी के कपड़ों से लेकर राष्ट्रीय ध्वज, रिबन, टी-शर्ट, हेयर बैंड, हैंडबैंड, बैज आदि की खूब डिमांड रही.  

पटना वीमेंस कॉलेज
पटना वीमेंस कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग ने स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य पर वेरोनिका ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. इसका विषय ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों का योगदान’ था. कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गान ‘भारत वंदना’ से हुई.

इसके बाद प्राचार्या डॉ सिस्टर एम रश्मि एसी ने गृहिणियों की कड़ी मेहनत और परिश्रम के लिए उनकी सराहना की. देशभक्ति नृत्य नाटिका के माध्यम से आदिवासियों एवं महिलाओं की आजादी की लड़ाई में संघर्षों को दर्शाया. कार्यक्रम का संचालन आयुषी आर्या, शैली सिंह एवं शुभा पांडे ने किया. यह सारा आयोजन डॉ. सिस्टर सेलीन क्रास्टा एसी, इनाक्षी डे बिस्वास और पूजा कुमारी के नेतृत्व में किया गया.


जबकि कॉलेज के शिक्षा विभाग में बुधवार स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व 14 अगस्त को 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इसका विषय विकसित भारत था.कार्यक्रम की शुरुआत देशभक्ति गीत हम सब भारतीय हैं गाने से हुई. इसके उपरांत शिक्षक प्रशिक्षु श्रीति कौशिक और सलोनी कुमारी द्वारा प्रेरणादायी भाषण ने भारत की एक देश के रूप में यात्रा और भविष्य के आदर्श छवि की कल्पना को शब्दों का आकार दिया.

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्राओं द्वारा एक लघु नाटक रहा जिसमें छात्राओं ने भारत के विकसित और साथ ही साथ अपनी सभ्यता की जड़ों से जुड़ी हुई अद्भुत छवि प्रस्तुत की.

मगध महिला कॉलेज
मगध महिला कॉलेज में छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिये देश की स्वतंत्रता की यात्रा को दर्शाया. इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या प्रो नमिता कुमारी ने कहा कि 15 अगस्त को कॉलेज में झंडा फहराया जायेगा. वहीं इसके पूर्व यह आयोजन किया गया. उन्होंने इस दिवस पर छात्राओं को जानकारी दी.

इसके बाद छात्राओं के समूह ने विभिन्न देशभक्ति गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी. इनमें वंदे मातरम.., देश रंगीला.., ए देश मेरे.., कंधे से मिलते है कंधे जैसे गीतों पर जाबाज सैनिकों के बलिदान और राष्ट्र प्रेम को दर्शाया. कुछ छात्राओं ने स्वरचित कविता का भी पाठ किया. इस दौरान कॉलेज की छात्राएं और टीचर्स मौजूद रहीं.

नाटक ‘जयचंद के आंसू’ में कलाकारों ने दिखाया दिल्ली आक्रमण की कहानी

पटना एएन सिन्हा कॉलेज सभागार में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ‘फेसेस पटना’ व ‘एनएसएस टीम’, अनुग्रह नारायण महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में देशभक्ति नाटक ‘जयचंद के आंसू’ का मंचन किया गया. डॉ छोटू नारायण सिंह द्वारा लिखित व सुनिता भारती द्वारा निर्देशित नाटक में पृथ्वीराज के साथ प्रतिद्वंदिता और वैमनस्य के कारण जयचंद द्वारा 1192 ई में मुहम्मद गौरी को दिल्ली पर पुनः आक्रमण करने के लिए उकसाने की कहानी दिखी.

पृथ्वीराज को कैद करने के बाद गौरी ने जयचंद पर भी आक्रमण कर उसे पराजित किया और इस घटनाक्रम का परिणाम उत्तर भारत की पराधीनता में हुआ. इन घटनाओं से जयचंद उद्वेलित नहीं रहा और उसके मन में भी उत्ताप की अग्नि जली तथा उसे अपने कुकृत्यों के लिए पश्चाताप हुआ. वहीं, दर्शकों को संबोधित करते हुए डॉ रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि किसी व्यक्ति का कृतित्व तो सब देखते हैं लेकिन, आंसू कोई नहीं देखता.

इस नाटक में एक ऐसी मनोवैज्ञानिक स्थिति को दिखाने का प्रयास किया गया है, जो प्रायः अभी तक अछूती है. नाटक में सुनीता भारती, रामलखन सिंह, शुभम कुमार, कृष्ण कुमार, सिद्धार्थ, खुशी, अनामिका, बंटी, अभिषेक, रौशन, प्रलोक, शिवम, तौकीर व अन्य ने प्रस्तुति दी. मौके पर डॉ प्रवीण कुमार, डॉ डीएन सिन्हा, डॉ रत्ना अमृत, डॉ अभिषेक समेत अन्य मौजूद रहे.

 नाटक ‘अतीत के वातायन’ में दिखी स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भागीदारी

सांस्कृतिक संस्था प्रांगण पटना की ओर से स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित हिंदी नाट्य रूपक ‘अतीत के वातायन’ का मंचन प्रेमचंद रंगशाला में हुआ. इसके लेखक एवं गीतकार अरुण सिन्हा और परिकल्पना व निर्देशक अभय सिन्हा हैं.

संगीत परिकल्पना व मुख्य गायक मनोरंजन ओझा हैं. इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा, निदेशक सांस्कृतिक कार्य रूबी, बिहार विधान परिषद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व मंत्री श्याम रजक और अन्य मौजूद रहे.

नाटक में स्वतंत्रता संग्राम में बिहार प्रदेश की भागीदारी को दिखाया गया. नाटक में यह भी दिखाया गया कि एक किसान राजकुमार शुक्ल के आमंत्रण पर महात्मा गांधी चम्पारण आते हैं और यहीं से अंग्रेजों के विरूद्ध शंखनाद करते हैं. यही से देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ बारी आदि बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों ने महात्मा गांधी का अनुगमन किया.

अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे से दिशा–दिशा गूंज उठी. विभिन्न क्रांतिकारी आंदोलनों से गुजरते हुए सन् 1942 का साल आया. छात्रों ने सचिवालय पर तिरंगा फहराया और ब्रिटिश गोलियों से शहीद हुए जिनका स्मारक आज भी मौजूद है.

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