पटना : चाइनीज आइटम बेचने वाले 100 से अधिक थोक कारोबारियों की 30 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी फंसी हुई है. इसमें लगभग 10 करोड़ रुपये चाइनीज आइटम वितरक के पास पिछले चार माह से एडवांस में फंसे हुए हैं. भारत-चाइना विवाद बढ़ने के बाद से कारोबारी काफी संशय में हैं. कारोबारियों की मानें, तो एडवांस का पैसा लगभग डूब चुका है. दूसरी ओर चाइनीज उत्पाद के बहिष्कार के मामले ने इसमें आग में घी का काम किया है. केंद्र सरकार द्वारा चाइनीज एप बंद करने के एलान के बाद आम लोगों का चाइनीज आइटम के प्रति नजरिया में काफी बदल गया है.
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इस वक्त सबसे अधिक मार खिलौना, कॉस्मेटिक और मोबाइल के थोक और खुदरा कारोबारियों को झेलनी पड़ रही है. कारोबारियों ने बताया कि पटना शहर में ही अकेले सौ से अधिक कारोबारी हैं, जो सालों से चाइनीज आइटम का कारोबार कर रहे हैं. कुछ कारोबारी तो सीधे चीन की कंपनियों के साथ कारोबार कर रहे हैं. कारोबारियों ने बताया कि चीन की कंपनियां उधार का कारोबार नहीं करती. खिलौना कारोबारी राकेश अग्रवाल की मानें तो लॉकडाउन होने की वजह से लोगों की पूंजी कम फंसी है. अगर देश में लॉकडाउन नहीं होता तो अरबों रुपये डूब जाते.
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुजीत कुमार ने बताया कि पटना के बाजार में 50 फीसदी से अधिक का मार्केट चाइनीज कंपनियों का है. इसमें कई बड़े ब्रांड शामिल हैं. उन्होंने बताया कि आज की तरीख में सात करोड़ रुपये से अधिक का माल पड़ा है. चाइना की कंपनियों के मोबाइल की मांग काफी कम हो गयी है. वहीं, बाकरगंज के एक दुकानदार ने बताया कि मोबाइल से जुड़े पार्ट्स के कारोबारियों की बड़ा पूंजी फंसी हुई है. कई कारोबारी आने वाले दिनों में रोड पर आ जायेंगे.