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शहीद सुनील कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा जनसैलाब, गम के माहौल के बीच चीन की हरकतों से लोगों में आक्रोश

चीनी सैनिकों के साथ हिंसक संघर्ष में सोमवार की रात लद्दाख की गालवन वैली में वीरगति को प्राप्त हुए बिहटा प्रखंड के तारानगर निवासी हवलदार सुनील कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए गुरुवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद जवान का अंतिम संस्कार हल्दी छपरा घाट पर सेना, प्रशासनिक अधिकारियों और भारी जनसमूह की मौजूदगी में हुआ. इस दौरान गम के माहौल के बीच लोगों में चीन की हरकतों के खिलाफ आक्रोश साफ तौर पर दिखाई दिया.

पटना : चीनी सैनिकों के साथ हिंसक संघर्ष में सोमवार की रात लद्दाख की गालवन वैली में वीरगति को प्राप्त हुए बिहटा प्रखंड के तारानगर निवासी हवलदार सुनील कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए गुरुवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद जवान का अंतिम संस्कार हल्दी छपरा घाट पर सेना, प्रशासनिक अधिकारियों और भारी जनसमूह की मौजूदगी में हुआ. इस दौरान गम के माहौल के बीच लोगों में चीन की हरकतों के खिलाफ आक्रोश साफ तौर पर दिखाई दिया.

इससे पहले शहीद सुनील का पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह दानापुर छावनी से उनके पैतृक गांव बिहटा के तारानगर ले जाया गया. वहां से हल्दी छपरा घाट के लिए शवयात्रा निकाली गयी. देश के लिए अपनी शहादत देने वाले सुनील के अंतिम दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. वहीं, शहीद की पत्नी, मां और पिता के आंसू नहीं थम रहे थे. शव यात्रा के दौरान शहीद सुनील कुमार अमर रहें और भारत माता की जय के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा.

उल्लेखनीय है कि इसी महीने शहीद सुनील के भांजे की शादी थी और जून में आने के लिये उन्होंने छुट्टी के लिये आवेदन कर दिया था. हालांकि, कोराेना के कारण शादी टल गयी तो उन्होंने नवंबर में आने के लिये छुट्टी मंजूर करा ली. चीन से संघर्ष होने वाली रात से कुछ घंटे पहले उन्होंने पत्नी रीति देवी से फोन पर बात की थी. नवंबर में घर आने और इस दौरान क्या- क्या करना है, कहां घूमने जाना है इसका प्लान बताया था. लद्दाख में ढाई साल से तैनात सुनील छह महीने पहले छुट्टी पर आये थे.

बुधवार को सूरज डूबने के बाद उनका पार्थिव शरीर फ्लाइट से पटना पहुंचा था. एयरपोर्ट पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी, नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव, पूर्व सांसद पप्पू यादव, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सहित कई लोगों ने उनको नमन किया. सेना द्वारा उनका शरीर एयरपोर्ट से दानापुर स्थित रेजिमेंट ले जाया गया. इसके बाद शहीद हवलदार सुनील का अंतिम संस्कार गुरुवार को उनके पैतृक गांव बिहटा के तारानगर सिकरिया में सैनिक सम्मान के साथ किये जाने की बात सामने आयी थी.

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