आप अगर मटर खाने के शौकीन हैं तो अब आपका सावधान रहना भी जरूरी है. क्योंकि चीन ने अब मटर को भी भारतियों के सेहत को बिगाड़ने का एक जरिया बना लिया है. चीन (China) ने भारत की अर्थव्यवस्था(Indian Economy) और यहां के लोगों के सेहत को बिगाड़ने का एक नया जरिया तैयार किया है जिसे नेपाल के रास्ते भारत में भेजा जा रहा है. यह कुछ और नहीं बल्कि आपके खाने में इस्तेमाल होने वाला मटर है. जिसे “चाइनीज मटर”( chinese matar)कहा जाता है. कैमिकल के इस्तेमाल से बना यह हरा नकली मटर बड़ी मात्रा में तस्करों के जरिये भारत भेजा जा रहा है.
चीन भारत के बाजारों व मंडियों में जहर सजाने की साजिश को अंजाम दे रहा है. नकली चावल, अंडे वगैरह के पोल खुलने के बाद अब नेपाल के रास्ते बिहार सहित भारत के कई अन्य हिस्सों में अब नकली मटर की तस्करी की जा रही है. इस जहर को भारत भेजने में वह कंधे की तरह नेपाल का इस्तेमाल कर रहा है. जिसका खुलासा आए दिन तेजी से होता रहा है. बीते सोमवार को भी भारत-नेपाल बार्डर पर बिहार में एसएसबी के जवानों ने बड़ी संख्या में चाइनीज मटर को भारत लेकर आ रहे तस्करों को दबोचा है.
Chinese matar kaisa hota hai: चाइना से भेजे जा रहे हरा मटर असली नहीं बल्कि नकली है. यह स्नोपीस व सोयाबीन आदि से बनाई जाती है. इसके बाद इसे हरे रंग में रंगा जाता है. उस रंग को तैयार करने में सोडियम मेटाबाईसल्फेट नामक केमिकल का उपयोग किया जाता है.
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इस सोडियम मेटाबाईसल्फेट कैमिकल का उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि नकली मटर पर चढ़ा रंग अधिक समय तक रह पाए. वहीं, तैयार किया गया नकली मटर भी खराब नहीं हो.
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि सोडियम मेटाबाईसल्फेट नामक कैमिकल का उपयोग चीन तो अपने फायदे के लिए करता है. लेकिन इसके जरिए वह भारत में जहर भी परोस रहा है. इस कैमिकल के कारण कैंसर (chinese matar cancer) जैसे रोग हो सकते हैं. जिससे अंजान होकर लोग इसे रोजाना अपने शरीर में भेज रहे हैं.
चीन इन नकली मटरों को तैयार कर केरूंग, तातोपनी और खासा बॉर्डर होते हुए नेपाल पहुंचाता है. यहां से वह भारत की सीमा से सटे इलाकों के जरिए इसे भेजता है. बिहार के रक्सौल, अररिया, किशनगंज और मधुबनी सहित कई अन्य जगहों पर आए दिन इसके खेप व तस्कर पकड़े जाते हैं.
बिहार के कई जिलों के इलाके सीमा नेपाल से सटे हुए है. यहां कई गैर पारंपरिक रास्ते हैं. इसीलिए यहां कस्टम की तैनाती नहीं है. चीन से आने वाली मटर व अन्य खाद्य व मादक पदार्थ नेपाल के रास्ते सीधे किशनगंज और सिलीगुड़ी पहुंच जाते हैं. यहां से देश के अन्य हिस्सों में इसे पहुंचाया जाता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan