भारत और नेपाल के बीच नो मेन्स लैंड को लेकर होने वाले विवाद अब थम जाएंगे. दोनों देशों के बीच अब लंबे समय से चले आ रहे इस समस्या के समाधान को लेकर ज्वाइंट सर्वे कराने की तैयारी चल रही है. दोनों देशों के विदेश व गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इस सर्वे को लेकर बात चल रही है. जिसकी कागजी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के अधिकारियों की मौजूदगी में इसी साल सीमावर्ती इलाकों का सर्वे किया जाएगा. जिसके बाद इसकी पैमाइश की जाएगी. बता दें कि नेपाल इससे पहले भी पैमाइश की बात पर राजी हो गया था लेकिन लगातार बहानाबाजी के कारण यह टलता रहा. इस बार नेपाल सर्वे पर राजी हुआ है.
हाल में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के कारण दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ने काफी तूल पकड़ा. कई बार आपसी झड़पों का भी सामना करना पड़ा. जिसके कारण दोनों देशों के बेटी-रोटी के रिश्तों में भी खटास आने लगी थी. सीमाई इलाके में रहने वाले लोगों को आये दिन इस समस्या से जूझना पड़ता है.
बता दें कि नेपाल और भारत के सीमाई इलाकों के विवादों की शिकायतें अक्सर एसएसबी को मिलती रही है. अररिया के सोनामुनी गोदाम, नरपतगंज प्रखंड के सिमराही पथरदेवा, घूरना, मीनापुर, जोगबनी, नरपतगंज व कई अन्य क्षेत्रों में अतिक्रमण को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं. लोग नो मैंन्स लैंड पर दुकान भी लगाते हैं और जमीन का उपयोग व्यवसाय के लिए करते हैं, जिसकी शिकायतें मिलती रहती हैं. दोनों तरफ के लोगों की इसमें भूमिका रहती हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan