Bihar News: 19 महीने बाद खुला भारत-नेपाल बॉर्डर, वाहनों के भी प्रवेश की मिली छूट, बाजारों में लौटी रौनक
भारत-नेपाल सीमा को करीब 19 महीने के बाद फिर एकबार खोल दिया गया है. जिससे लोगों की चहलकदमी फिर शुरू हो गयी है. वहीं कारोबारियों के चेहरे पर भी मुस्कान वापस लौटा है.
अररिया: लगभग 19 माह से बंद पड़ी भारत से लगी नेपाल की सभी सीमा नाका शनिवार से पूर्व की तरह निर्वाध रूप से संचालित कर दी गयी. कहें तो नेपाल-भारत के बीच बेटी-रोटी के संबंध पर छा रही परत अब दूर हो गयी. नेपाल के दूर-दराज से लोग खरीदारी के लिए सीमावर्ती क्षेत्र के भीमनगर, बीरपुर बाजार आते हैं. बताया जा रहा है कि नेपाल की अपेक्षा यहां के बाजारों में सामान सस्ते दामों में मिलती है.
हालांकि इस दिन का गवाह आसमान भी हुआ, इसलिए तो झमाझम बारिश के बीच जोगबनी से लगी रानी नाका को पूर्ण रूप से खोलने के बाद लोग वाहनों के साथ नेपाल प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र हो गये. इसके लिए छह दिन पूर्व ही मंत्रिपरिषद की ओर से निर्णय ले लिया गया था, लेकिन कई सीमा नाका को खोलने को लेकर आधिकारिक पत्र समय से नहीं पहुंचने व भंसार से समय पर समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण इसमे देरी की बात कही गयी. लेकिन, देर से ही सही सीमा नाका पूर्व की तरह संचालित होने से दोनों तरफ के व्यापारियों में हर्ष है.
इस मौके पर मोरंग के प्रमुख जिलाधिकारी काशी राज दाहाल ने कहा कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के बाद नेपाल के भारत संग जुड़े सभी नाका खोलने को लेकर निर्देश दिया गया था. इसके आधार पर जिला प्रशासन कार्यालय मोरंग के पहल पर विराटनगर भंसार कार्यालय प्रमुख, सशस्त्र पुलिस के साथ समन्वय कर रानी नाका को भी खोला गया है.
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शनिवार से भारत से नेपाल आने वाले दो पहिया वाहन, चार पहिया भारतीय वाहन विराटनगर बजार तक नि:शुल्क सुविधा रसीद ले कर जा सकते हैं. वहीं विराटनगर से बाहर नेपाल के किसी भी स्थान जाने के लिए प्रज्ञापन पत्र को भर राजस्व रसीद ले कर प्रवेश कर सकते हैं. इसके लिए 600 रुपये नेपाली चारपहिया वाहनों के लिए खर्च करने होंगे. साथ ही कोविड गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.
देश के दूसरे सबसे बड़े नाका जोगबनी से भारतीय सवारी साधन नेपाल प्रवेश किये जाने के साथ ही जोगबनी व विराटनगर के व्यापारी में खुशी की लहर छायी हुई है. कोविड 19 के असहज स्थिति के कारण अत्यावश्यक के अलावा अन्य भारतीय सवारी साधन नेपाल प्रवेश नहीं कर पा रहे थे, लेकिन मंत्रिपरिषद के निर्णय के बाद भारत से आने वाली सभी प्रकार के सवारी साधन नेपाल प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद नेपाल व भारत दोनों देश के व्यवसाय क्षेत्र पूर्व की तरह पटरी पर आने की बात दोनों ही देशों के व्यापारियों ने कही.
Posted By: Thakur Shaktilochan