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Indian Railway News: अगर सात घंटे पेट दबाकर शौच रोक सकते हों तभी भारतीय रेल के इस ट्रेन से करें सफर

indian railway irctc latest news: रेलवे की ओर से इस ट्रेन में सभी शौचालय को वेल्डिंग कर सील कर दिया गया है. इस वजह से यात्रियों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जरूरत होने के बाद भी उनके पास कोई उपाय नहीं होता. ट्रेन (Train) के 233 किलोमीटर के सफर में कोई उपाय नहीं होता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2021 6:42 PM

(नितेश कुमार): नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर-पाटलिपुत्र इंटरसिटी में अगर सफर करने की सोच रहे हैं, तो संभल जाइये. यदि सात घंटे तक शौच का प्रेशर रोक सकते हैं, तभी इस ट्रेन से सफर कीजिये. ऐसा रेलवे की ओर से कोई फरमान जारी नहीं हुआ है, लेकिन ट्रेन की जो स्थिति है, उसे देखकर यह चेतावनी जरूरी हो जाती है. खास उन लोगों के लिए जो ट्रेन पकड़ने के लिए सुबह बिस्तर से उठकर सीधे स्टेशन पहुंच जाते हैं.

रेलवे (Railway) की ओर से इस ट्रेन में सभी शौचालय को वेल्डिंग कर सील कर दिया गया है. इस वजह से यात्रियों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जरूरत होने के बाद भी उनके पास कोई उपाय नहीं होता. 233 किलोमीटर के सफर में कोई उपाय नहीं होता. स्टेशन पर स्टॉपेज अधिक देर होने पर ही यात्री को कुछ राहत होती है. मजबूरन यात्री अपनी यात्रा रद्द करते हैं. सबसे अधिक परेशानी महिला यात्री को हो रही हैं. इस संबंध में कई बार यात्रियों ने शिकायत भी की. लेकिन, समाधान अभी तक नहीं हुआ है. वे शौच के लिए लगभग हर बोगी में जाते हैं. गेट खोलने के बाद वे असफल भी होते हैं.

नरकटियागंज इंटरसिटी स्पेशल गाड़ी नरकटियागंज से सुबह 4.20 में खुलती है. यह ट्रेन बेतिया, सुगौली, पिपरा, चकिया स्टेशनों पर रुकते हुए मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जंक्शन पर सुबह के 8.40 में पहुंचती है. 15 मिनट के ठहराव के बाद यह ट्रेन पाटलिपुत्र के लिए निकलती है. सुबह का समय होने से शौचालय जाने वाले यात्रियों की आपा-धापी होती है. यात्रियों ने इसको लेकर कहा कि सबसे अधिक परेशानी तबियत खराब होने पर होती है. मजबूरन यात्री को खुले में शौच करना होता है.

आठ ट्रेनों का होता है परिचालन– अभी जंक्शन से रोजाना आठ ट्रेनें चलती है. इसमें नरकटियागंज, पाटलिपुत्र, समस्तीपुर अदि रूटों को शामिल किया गया है. अधिकांश ट्रेनों में शौचालय को सील कर दिया गया है. नरकटियागंज मुजफ्फरपुर स्पेशल में भी यही हाल है. इसकी मुख्य वजह अधिकारियों ने कहा कि सवारी ट्रेनों की साफ सफाई को सुनिश्चित नहीं किया गया है. शॉर्ट दूरी की ट्रेनों में शौचालय नहीं होती है. इसके समाधान पर विचार किया जा रहा है.

ट्रेन लेट होने से अधिक होती है परेशानी- सवारी ट्रेनें अक्सर लेट होती है. समय पर नहीं पहुंचने से शौचालय जाने वाले यात्री को और परेशानी होती है. कई बार इस समस्या को लेकर यात्री चेन पुल कर ट्रेन को रोक भी देते हैं. कई बार इस वजह से ट्रेन विलंब हुई है. यात्रियों का कहना है कि समस्या का समाधान करना चाहिये. पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिये.

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