बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सबौर निवासी भारतेंदु दुबे के घर जश्न का माहौल था. इस बात की खुशी थी कि उनका बेटा रूपेश अब दुल्हा बनने वाला है. घर में बहू आएगी. पटना में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत रुपेश इंटरसिटी से अपने घर आ रहा था. जंक्शन पर उसे रीसिव करने ससुराल पक्ष के लोग पहुंचे थे. थोड़ी ही देर पहले बात भी फोन पर हुइ थी कि अब बस पहुंचने वाला हूं लेकिन ट्रेन पहुंचने के बाद भी रुपेश कहीं नहीं दिखा. और जब खोजबीन की गयी तो सामने आयी वो खबर जिससे पूरे घर में मातम पसर गया…..
एक ऐसे अभिशप्त पिता के दुख को जानना मुश्किल है, जिनके दो बेटे की मौत शादी होने से ठीक पहले हो जाये. बूढ़े बाप के कंधे पर जवान बेटे की अर्थी उठे, इससे बड़ा दुख क्या होगा. पिता भारतेंदु ने सोचा था कि बेटा बुढ़ापे की लाठी बनेगा, घर में रुनझुन पायल पहने दुलहिन आयेगी, पोता-पोती से घर-आंगन महकेगा. बुढ़ापे की जिंदगी आराम से कट जायेगी. जब अंत समय आयेगा, तो दोनों बेटे कंधा देंगे, लेकिन प्रकृति के लिखे को कौन पढ़ पाता है. भारतेंदु के साथ भी ऐसा ही हुआ.
भारतेंदु के बड़े बेटे की मौत भी असमय हो गयी थी. वो सरकारी पदाधिकारी थे. बेटों को सेहरा पहने देखने का अरमान घरा ही रह गया. उन्होंने सोचा कुछ और था और हुआ कुछ और. जिंदगी ने उनके साथ ऐसा जुआ खेला कि सफर के सब चाल उलट पड़ गये. सब रंग बेनूर हो गया. उन्होंने सोचा कुछ और ही था. जिन बेटों को पिता को कंधा देना था, उसी की शवयात्रा में पिता को शामिल होना पड़ा.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि रूपेश उर्फ बंटी वर्तमान में एक फाइनेंस कंपनी में बिहार-झारखंड के मुख्य प्रबंधक के पद पर पदस्थापित थे. उनका कार्यालय पटना में था. शनिवार को भी वह दानापुर भागलपुर इंटरसिटी पकड़ कर भागलपुर आ रहे थे. नाथनगर स्टेशन पर ही गेट के पास खड़े होकर फोन पर बात करते वक्त वह ट्रेन से गिर गये और ट्रेन से कट कर उनकी मृत्यु हो गयी.
हालांकि परिजन अलग नजरिये से भी देख रहे हैं. बता रहे हैं कि रुपेश के पास लैपटॉप और बैग था, वो गायब है. बता दें कि छह फरवरी को रुपेश की शादी होनी थी. वो अपनी शेरवानी भी खरीद चुके थे और इसकी तसवीर अपने ससुराल वालों को भेजा था.
Posted By: Thakur Shaktilochan