पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा हो चुकी है. नेताजी वोट के लिए गांव में घर घर जाना शुरू कर चुके है. लेकिन वोट मांगने के साथ साथ घर के कितने लोग दूसरे प्रदेशों में है. इस बात की जानकारी भी ले रहे है. उनकी सूची तैयार की जा रही है. नेताजी अपने वोटराें के घर के लोगों का टिकट का इंतजाम कर रहे है.
ग्रामीण इलाकों के साथ साथ शहरी इलाकों के साइबर कैफे से रोजाना दर्जनों टिकट कट रही है. आने जाने का पैसा नहीं लगने को लेकर वोटर भी खुशी खुशी आने को तैयार हो रहे है. टिकट को पार्सल व स्पीड पोस्ट से दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है.
मुंबई , दिल्ली, अहमदाबाद रूट की ट्रेनों में अधिक भीड़- अक्तूबर और नवंबर माह में मुंबई दिल्ली व अहमदाबाद की रूट की ट्रेनों में वेटिंग काफी बढ़ चुकी है. सकरा, ढ़ोली, कांटी, मीनापुर, साहेबगंज आदि प्रखंडों के कई ऐसे नेता जो चुनाव में प्रत्याशी है. वह अपने समर्थकों को बुलाने के लिए हजाराें रुपये खर्च कर रहे है.
दो आदमी की लग रही ट्रेन के टिकट बनवाने की ड्यूटी- चुनाव में समय कम है. कई नेताजी को समय का अभाव है. कम समय में पूरा क्षेत्र घूमना चुनौती है. बस व ट्रेन का टिकट कटाने का जिम्मा दो दो लोगों को मिला हुआ है. कई इलाकों में इसके लिए रोज पर लोगों को पैसा मिलता है. इसके लिए ग्रामीणों का आधार व मोबाइल नंबर की मांग की जा रही है. सकरा स्थित एक साइबर कैफे वाले ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर भीड़ बढ़ी है. पहले तत्काल के लिए मारामारी होती थी. अभी जनरल बोगी में सीट की मांग की जा रही है. ज्यादातर लोग श्रमिक है
Posted By : Avinish Mishra