28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क दिसंबर तक बनकर हो जायेगा तैयार, इन जिलों को होगा लाभ, देखें लिस्ट

इंडो-नेपाल बॉर्डर बिहार और नेपाल की साझा सीमा लगभग 729 किमी है. यह सड़क बन जाने से 552 किमी सीमा सड़क द्वारा कवर होगी. इसके निर्माण से यातायात के साधन सुगम होंगे.

इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क का राज्य में करीब 375 किमी हिस्से का निर्माण करीब 2300 करोड़ रुपये की लागत से दिसंबर 2024 में पूरा होने की संभावना है. इससे पहले करीब 178 किमी लंबाई में निर्माण हो चुका है. ऐसे में इस पूरी सड़क का निर्माण पूरा होने पर राज्य में करीब 552 किमी लंबाई में आवागमन शुरू हो सकेगा.

इससे किसे होगा लाभ ?

इससे सात जिला के लोगों को सीधी कनेक्टिविटी मिल सकेगी. इसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच बेहतर सड़क संपर्क स्थापित होगा. सूत्रों के अनुसार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क का निर्माण उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में करीब 1372 किमी लंबाई में होना है.

क्या होगा रूट?

पश्चिम चंपारण में मदनपुर से शुरू होकर पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सीतामढ़ी के बैरगनियां, सोनवर्षा होते हुए मधुबनी जिले के जयनगर, सुपौल में बीरपुर, अररिया में सकटी होते हुए किशनगंज के गलगलिया तक जायेगी.

ये भी पढ़ें… बिहार में 100 किमी लंबाई में 294 करोड़ की लागत से बनेंगी ये तीन सड़कें, देखें लिस्ट…

इसमें से भारत में 552 किमी लंबाई में इसका निर्माण 2010 में शुरू हुआ, लेकिन जमीन अधिग्रहण सहित अन्य तकनीकी पेच की वजह से इसका निर्माण पूरा होने में विलंब हुआ. अब सभी तीन राज्यों में इस सड़क के बन जाने से नेपाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल पहुंचने में कम समय लगेगा.

दरअसल बिहार और नेपाल की साझा सीमा लगभग 729 किमी है. यह सड़क बन जाने से 552 किमी सीमा सड़क द्वारा कवर होगी. इसके निर्माण से यातायात के साधन सुगम होंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें