Bihar Weather Alert: ‘इंद्रवज्र ऐप’ बचाएगा जान! ठनका से मौत की बढ़ी घटनाओं के बीच बिहार सरकार की सलाह

बिहार में वज्रपात की घटना काफी तेज होने लगी है. मौसम के बदलाव के बाद मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है. वहीं बिहार सरकार ने इंद्रवज्र ऐप के इस्तेमाल की सलाह दी है जिससे ठनका गिरने की सूचना पहले ही मोबाइल पर मिल जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2022 3:15 PM

बिहार में बारिश के मौसम ने दस्तक दी तो आकाशीय बिजली यानी ठनका गिरने से मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया. पिछले दो दिनों की बात करें तो 20 से अधिक मौतें वज्रपात की चपेट में आने से हो गयी है.

ठनका गिरने से मौत का तांडव

सोमवार देर शाम से मंगलवार के बीच ही 8 जिलों में 20 लोगों की मौत हो गयी. ठनका से मौत की घटनाओं को लेकर सरकार की भी चिंता बढ़ गयी है. लोगों को सुरक्षित रहने की अपील की गयी है.

इंद्रवज्र ऐप के इस्तेमाल की सलाह

वहीं बिहार सरकार के द्वारा जारी किया गया इंद्रवज्र ऐप के इस्तेमाल की सलाह दी गयी है. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने विज्ञप्ति जारी कर वज्रपात से हताहत की घटना पर चिंता जाहिर की है और इंद्रवज्र ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी है.

गुगल प्ले स्टोर पर जाकर करें डाउनलोड

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने इंद्रवज्र नाम से एक एप जारी किया है जिसके बारे में दावा किया जाता है कि इसकी मदद से वज्रपात की पूर्व सूचना अलार्म के रूप में आपके पास आ जाएगी. इसके लिए गुगल प्ले स्टोर पर जाकर इसे अपने स्मार्ट फोन में आप डाउनलोड कर सकते हैं. विभाग ने इस ऐप का डायरेक्ट लिंक भी उपलब्ध कराया है. आकाशीय बिजली से बढ़ते हादसे को देखते हुए इसे तैयार किया गया है.

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इन्द्रवज्र ऐप के बारे में जानें

इन्द्रवज्र ऐप के बारे में बताया जाता है कि जिस स्मार्ट फोन यूजर के पास ये ऐप रहता है. उसे वज्रपात की संभावना की सूचना पूर्व में ही अलार्म के रूप में मिल जाती है. पर्याप्त समय हाथ में रहते ये सूचना मिल जाती है ताकि लोग सतर्क रह सकें. मोबाइल लोकेशन के 20 किलोमीटर के दायरे में वज्रपात होने से करीब आधा घंटा पहले ही अलार्म बजने लगता है. बता दें कि ठनका से बचने के लिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वो खुले में बाहर नहीं जाएं. वहीं पेड़ के नीचे जाने से मना किया जाता है.

ठनका गिरने की घटना अधिक कहां?

गौरतलब है कि बिहार में मानसूनी जलवायु है जो गर्मी और नमी के हिसाब से काफी संवेदनशील है. इसकी वजह से प्रदेश में मेघ गर्जन और बारिश के साथ ठनका गिरने की घटनाएं अधिक घटती है. मौसम विभाग के जानकार कहते हैं कि ठनका गिरने की घटना उस क्षेत्र में सबसे अधिक होती है जहां बारिश के पहले तेज गर्मी पड़ती है.

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