Gaya: अमृतसर -कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरीडोर पर विकसित की जा रही इंडस्ट्रियल टाउनशिप /इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR)कर ली गयी है. इस तरह इस क्लस्टर विकास पर करीब 1350 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. बनायी गयी डीपीआर में चिन्हित जमीन को सुरक्षित और उसकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष मार्किंग कराने के आदेश दिये गये हैं.
जरूरी जिम्मेदारियां दी गयीं
बियाडा के निवेश आयुक्त और मैनेजिंग डाइरेक्टर कुंदन कुमार और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर डेवलमेंट कॉरपोरेशन (NICDC) के सीइओ/एमडी रजत कुमार सैनी ने मंगलवार को प्रोजेक्ट का मुआयना किया. इस दौरान विभिन्न विभागों को जरूरी जवाबदेहियां दी हैं. दोनों अधिकारियों ने परियोजना क्षेत्र का भ्रमण किया.
भ्रमण के दौरान विभागों के जवाबदेह अफसरों के साथ बैठक कर जरूरी जिम्मेदारियां भी दी गयीं. उदाहरण के लिए क्लस्टर के लिए पानी, बिजली और संपर्क मार्ग विकसित करन के के लिए कहा गया है. परियोजना के लिए पानी प्रबंध कैसे किया जाये, संबंधित एजेंसियां सर्वे करके निर्णय लेंगी. इस दौरान अफसरों के साथ मिल कर प्रोजेक्ट के सभी हित धारकों से बातचीत भी की गयी. इस दौरान गया के डीएम और एसपी भी मौजूद रहे.
सबसे बड़ा औद्योगिक एरिया
बिहार के निवेश आयुक्त और बियाडा के एमडी कुंदन कुमार ने इस दौरान गया में उद्यमियों के साथ जुड़ने के लिए आयोजित उद्यम संवाद बैठक की अध्यक्षता की. कुंदन कुमार ने उद्योगों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का निरीक्षण करने के लिए गया के औद्योगिक क्षेत्र मानपुर का भी दौरा किया. यह कॉरीडोर 1670 एकड़ में स्वीकृत किया गया है. उल्लेखनीय है कि अभी कुछ माह पहले ही केंद्र सरकार ने गया की इंडस्ट्रियल टाउन शिप सहित 12 शहरों में प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. गया की टाउनशिप बिहार की पहली इंडस्ट्रियल टाउनशिप होगी. इसे बिहार का अब तक का सबसे बड़ा औद्योगिक एरिया भी माना जा रहा है.
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