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चीनी उत्पादन का कभी हब था मधुबनी, आज गुड़ के लिए भी प्रस्ताव नहीं, जानें कहां लगेंगे नये यूनिट

Industry in Bihar: नियम के अनुसार केवल 30 प्रतिशत यूनिट ही चीनी मिल वाले क्षेत्रों में लगायी जा सकती है. नियम के अनुसार यह यूनिट ऐसे स्थानों पर लगायी जायेगी, जिसके चलते से चीनी मिलों के लिए गन्ने की आपूर्ति प्रभावित न हो.

Industry in Bihar: पटना. बिहार राज्य गुड़ प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत बिहार में 37 गुड़ उत्पादन यूनिटें लगायी जायेगी. इन गुड़ उत्पादन यूनिटों को बिहार के कई जिलों में लगाने का प्रस्ताव सरकार के पास आया है. सरकार के स्तर पर मंजूर हुए प्रस्तावों में चयनित गुड़ इकाइयां पटना, लखीसराय, समस्तीपुर, मोतिहारी, गोपालगंज, बेतिया, सीवान, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर क्षेत्र के लिए प्रस्तावित है. कभी चीनी उत्पादन का हब रहा मधुबनी जिले में एक भी गुड़ उत्पादन यूनिट लगाने का प्रस्ताव नहीं है. सर्वाधिक गुड़ इकाइयां बेतिया में लगाने का प्रस्ताव है.

जिले के गन्ना किसानों में मायूसी

गन्ना किसान मुकुंद मिश्र कहते हैं कि यह स्थिति तब है जब नियम के अनुसार केवल 30 प्रतिशत यूनिट ही चीनी मिल वाले क्षेत्रों में लगायी जा सकती है. नियम के अनुसार यह यूनिट ऐसे स्थानों पर लगायी जायेगी, जिसके चलते से चीनी मिलों के लिए गन्ने की आपूर्ति प्रभावित न हो. 70 प्रतिशत यूनिट गैर चीनी मिल क्षेत्रों में लगायी जानी है. मधुबनी जिला गन्ना उत्पादन क्षेत्र रहा है. कभी यहां लोहट, रैयाम और सकरी जैसी बड़ी चीनी मिलें हुआ करती थी. आज की तारीख में जिले में कोई चीनी मिल नहीं है. इसके बावजूद एक भी गुड़ यूनिट जिले में नहीं लगने से जिले के किसानों में मायूसी है. मधुबनी के अजय धारी सिंह कहते हैं कि जिले से उद्योग मंत्री होने का लाभ भी मधुबनी को नहीं मिल रहा है.

बेतिया में सर्वाधिक प्रस्तावों को मंजूरी

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुड यूनिट लगाने के लिए केन केयर पोर्टल के माध्यम से जो 84 आवेदन आये हैं. उनमें से 37 आवेदन का चयन किया गया हैं. चयनित यूनिटों में से 22 यूनिट स्मॉल और शेष 15 यूनिट मध्यम श्रेणी की हैं. यह सभी परियोजनाएं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए है. इन चयनित इकाईयों में बेतिया में सर्वाधिक आठ यूनिट स्थापित की जानी है. गोपालगंज में सात यूनिट लगाये जाने के प्रस्ताव है. इसके अलावा समस्तीपुर और मोतिहारी पांच-पांच, लखीसराय, सीवान और पूर्णिया में तीन-तीन, मुजफ्फरपुर में दो और एक यूनिट पटना में प्रस्तावित है.

पहली बार सरकार ने बनायी यह नीति

आवेदनों का चयन रेडमाइजेशन सिस्टम के जरिये किया गया है. हालांकि, चयनित इकाइयों का अभी अनुमोदन बाकी रह गया है. अनुमोदन समिति की बैठक में चयनित प्रस्तावों के संदर्भ में तकनीकी मसलों को लेकर परियोजना अनुमोदन समिति की बैठक सात जनवरी को फैसला होगा. इस संदर्भ में पटना एनआइसी से कहा गया है कि रैडमाइजेशन से
चयनित सूची को केन केयर पोर्टल पर प्रदर्शित कर दे. बिहार में गुड़ प्रोत्साहन पॉलिसी के जरिये पहली बार गुड़ प्लांट लगाने के लिए सरकार ने बाकायदा नीति बनायी है. इमसे बेहद आकर्षिक इन्सेटिव और अनुदान देने की बात है. आसान शर्त पर ऋण दिलाये जाने की घोषणा की गयी है.

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