पटना. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने पर्यावरण विज्ञान के सहायक प्राध्यापक के पद के लिए 835 अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक कर आपत्तियां मांगी हैं. अपात्र अभ्यर्थियों की संख्या पात्र से कहीं अधिक है. दरअसल अपात्र पाये गये आवेदकों की संख्या 874 रही है. आयोग ने पर्यावरण विज्ञान के कोर विषय के आवेदकों को साक्षात्कार के लिए पात्र माना है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक किसी भी विवाद से बचने के लिए आयोग ने पर्यावरण विज्ञान कोर विषय के आवेदकों को पात्र माना है. पर्यावरण प्रबंधन और पर्यावरण इकॉलॉजी आदि पर्यावरण से संबंधित विषयों के आवेदकों को अपात्र माना है.
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण विज्ञान विषय के लिए 1709 आवेदन प्राप्त हुए थे. विशेष बात यह है कि अनुसूचित जनजाति कोटि के सहायक प्राध्यापक पद के लिए एक भी सुयोग अभ्यर्थी के आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि इसके लिए केवल दो ही पद थे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 102 पदों के लिए 306 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जायेगा. दावे-आपत्ति के निबटारे के बाद ही साक्षात्कार की तिथियां घोषित की जायेंगी.
बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने अनारक्षित वर्ग के लिए कट ऑफ अंक 77 निर्धारित किया है. अनुसचित जाति वर्ग के लिए कट ऑफ अंक 38 तय किये हैं. इस तरह कुल 13 कैटेगरी के लिए कट ऑफ अंक भी घोषित कर दिये गये हैं. फिलहाल अर्हित और अनर्हित पाये गये सभी आवेदकों की सूची सार्वजनिक कर दी गयी है. उस पर 25 दिसंबर तक आपत्तियां मांगी गयी हैं.
बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग चल रही साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद करीब पांच सौ से अधिक सहायक प्राध्यापकों की अनुशंसा शिक्षा विभाग से कर चुका है. शिक्षा विभाग ने उस अनुशंसा के आधार पर विश्वविद्यालय में नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है. सबसे ज्यादा अनुशंसा हिंदी के 289 सहायक प्राध्यापकों की हुई हैं. हिंदी के सहायक प्राध्यापक पद पर चयनितों की सूची शनिवार को ही शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को भेजी है. इस मामले में शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने बताया कि नव नियुक्ति शिक्षकों को अभी तक वेतन नहीं मिला था. विभाग ने तत्काल प्रभाव से वेतन जारी करने के दिशा निर्देश सक्षम अधिकारियों को दिये हैं. उन्हें बहुत जल्दी वेतन मिल जायेगा.