संवाददाता,पटना बैंकिंग व्यवस्था में साइबर फर्जीवाड़ा एक बड़ी समस्या बनती जा रही है.इसी तरह की एक समस्या है म्यूल अकाउंट. यह सुनने में जरूर अटपटा लग रहा है,लेकिन कई उपभोक्ताओं के अकाउंट का उपयोग जाने- अनजाने में मनी म्यूल के रूप में अपराधियों द्वारा किये जाने लगा है.आसान शब्दों में कह सकते हैं कि मनी म्यूल वे लोग होते हैं जिनका इस्तेमाल अपराधी अवैध रूप से प्राप्त धन को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं. इन लोगों को अक्सर सोशल मीडिया, इ-मेल या नौकरी की पेशकश के जरिये धोखा दिया जाता है. आरबीआइ ने बैंकों को म्यूल अकाउंट के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. कैसे किया जाता है यह फर्जीवाड़ा: पार्ट टाइम जॉब और निवेश पर अच्छे रिटर्न का लालच देकर पीड़ित को कुछ पैसे उपलब्ध कराये जाते हैं. इसके बाद भरोसा हो जाने पर बड़ा निवेश करवाकर ये फर्जी लोग चंपत हो जाते हैं. इसके लिए म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है.म्यूल अकाउंट की बढ़ती समस्या को लेकर हाल ही में रिजर्व बैंक ने नो योर कस्टमर (केवाइसी ) के नियमों में बदलाव किया है.
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