संवाददाता, पटना
सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कोर्ट (बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण)के आदेश के बाद भी बीमा कंपनियों द्वारा समय पर मुआवजा भुगतान नहीं करने के मामले में मंगलवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में बीमा कंपनियों की समीक्षा की गयी और यह निर्णय लिया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद मुआवजा भुगतान एक माह से अधिक लंबित रखने पर बीमा लोकपाल को रिपोर्ट किया जायेगा. बीमा कंपनियों ने 15 दिन में लंबित मामलों के निष्पादन का आश्वासन दिया. बैठक में राज्य परिवहन आयुक्त विशाल राज, संयुक्त सचिव कृत्यानंद रंजन एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि थे. परिवहन सचिव ने स्पष्ट किया कि मुआवजा भुगतान में देरी करने वाली बीमा कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगा.उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा पर गठित माननीय सर्वाेच्च न्यायालय की समिति एवं भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) को भी इस संबंध में सूचित किया जायेगा. परिवहन सचिव ने बैठक में एक-एक बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुआवजा भुगतान लंबित होने की वस्तुस्थिति से अवगत हुए. उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण से आदेश पारित होने के बाद मुआवजा भुगतान में देरी न करें.
बीमा कंपनियों की परफॉर्मेंस रैंकिंग : दुर्घटना पीड़ितों को समय पर मुआवजा दिलाने के लिए बीमा कंपनियों की हर माह परफार्मेंस रैंकिंग जारी की जायेगी. न्यायाधिकरण से आदेश पारित होने के बाद मुआवजा भुगतान में विलंब न हो, इसके लिए 15 दिनों के बाद संबंधित बीमा कंपनी को भुगतान के लिए रिमाइंडर भेजा जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है