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धर्म के मामले में राजनीतिज्ञों का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

अपनी गौ ध्वज यात्रा पर पटना पहुंचे बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म के मामले में राजनीतिज्ञों का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए. देश की सरकारें गायों की हत्या पर रोक लगाएं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 1:53 AM

संवाददाता, पटना : बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अगुआई में मंगलवार को दारोगा राय स्मारक भवन में धर्म सभा का आयोजन किया गया. धर्म सभा की शुरुआत शंकराचार्य जी के पादुका पूजन के साथ हुई. मौके पर शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदूवादी देश होने के बाद भी आजादी के बाद से अब तक सभी राजनीतिक दलों ने हिंदुओं की भावनाओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. यह दुर्भाग्य की बात है कि जिस देश में गाय की पूजा की जाती है, वहां से गौमांस का निर्यात हो रहा है. हम चाहेंगे कि देश की सरकारें गौ के सम्मान में, धर्म के सम्मान में गायों की हत्या पर रोक लगाये. उन्होंने कहा कि हम किसी राजनीतिक दल का विरोध नहीं करते हैं, जो भी गौ हत्या रोकने के लिए कार्य करेंगे, हम उसका समर्थन करेंगे. धर्म के मामले में राजनीतिज्ञों का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए. इसके पूर्व अविमुक्तेश्वरानंद महाराज गो प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत अयोध्या से पटना पहुंचे, जहां उनका स्वागत किया गया. इस दौरान महाराज श्री ने श्री गोपी कृष्ण गौ आश्रम, श्रीरामपुर, बिहटा-सरमेरा रोड, फतुहा में गौ पूजन किया. गो आश्रम में उन्होंने विशेष रूप से ऐसी गौमाताओं का पूजन किया, जो अब दूध नहीं देती हैं. गौशाला से निकलने के बाद वह हथुआ महाराज कोठी (गांधी मैदान) गये, जहां हथुआ महाराज के परिजनों ने उनका पांव पूजन किया. यहां से वह दारोगा राय पथ स्थित स्मारक भवन पहुंचे. मौके पर गोपाल कृष्ण मोदी और डॉ गीता जैन ने उनका पांव पूजन किया. प्रभु आहार समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार, वनबंधु परिषद् के सुनील अग्रवाल, सुजीत सिंघानिया, कृष्ण गौशाला के उपाध्यक्ष अमर अग्रवाल, बिहार अग्रवाल महिला सम्मेलन की पुष्पा जैन, अनीता कृष्ण, दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण कुमार आदि ने स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन स्वामी संतोषानंद ने किया. यहां से निकल कर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द महावीर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने गौ ध्वज स्थापित किया. मौके पर आचार्य किशोर कुणाल भी मौजूद रहे.

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