अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women’s day 2021) पर जहां विश्व महिलाओं को सम्मान देने अलग-अलग तरीके का आयोजन कर रहा है वहीं भारत में भी कई आयोजनों से महिलाओं को सम्मान दिया जा रहा है. आम जनमानस में महिला सशक्तिकरण का संदेश देने आज बिहार में भी कई तरीके अपनाये गये.
राजधानी के पटना जंक्शन पर आज सभी विभागों के फ्रंट लाइन की कमान महिलाओं के ही हाथों में है. आज सूबे की कइ महिलााओं के संदेश लोगों के बीच हैं. लेकिन एक सवाल आज भी इस बात पर मुहर लगाता है कि आधी आबादी का सफर आज भी अधूरा ही है. बिहार के कई बड़े पदों को आजादी के 74 साल भी महिलाओं के आने का इंतजार ही है.
74 सालों के बाद भी आज बिहार के कइ पद ऐसे हैं जिसपर महिलाओं को आजतक मौका नहीं मिल पाया. सूबे के कई ऐसे शीर्ष पद आज भी इस सवाल का जवाब ढू्ंढ़ रहे हैं. बिहार में पुलिस की कमान डीजीपी के कंधे पर रहती है. डीजीपी की भूमिका प्रदेश में बहुत बड़ी है. सूबे का लॉ एंड ऑर्डर इनके कंधे पर ही होता है. लेकिन आधी आबादी आज तक इस पद पर नहीं शोभित हो सकी हैं.
वहीं बात विधानसभा की हो तो जिसके अंदर प्रतिनिधियों को भेजने के लिए इस बार के चुनाव में भी करीब 60% महिलाओं ने ही वोट डाला, लेकिन आजतक स्पीकर, सभापति, चुनाव आयुक्त समेत कइ ऐसे शीर्ष पद हैं जहां तक आज भी महिलाएं नहीं पहुंच सकी हैं.
बिहार में बीपीएससी, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, राज्य कर्मचारी आयोग समेत कई ऐसे महत्वपूर्ण आयोग हैं जहां के शीर्ष पद पर आज तक किसी महिला को मौका नहीं मिल सका. वैसे बिहार लोक सेवा आयोग में कार्यवाहक अध्यक्ष के रुप में महिला जरुर रही हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan