बिहार में महिलाओं के लिए किसका शासनकाल बना वरदान?, जानें राजद विधायक ने क्यों की नीतीश कुमार की तारीफ
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के दिन बिहार विधानसभा भी महिलाओं के नाम रहा. संसदीय कार्य मंत्री ने आसन से अपील करते हुए कहा कि आज सदन की कार्यवाही में महिला सदस्यों को ही वरीयता मिले. और ऐसा ही किया भी गया. सदन में महिला विधायकों को ही सवाल पूछने का मौका सबसे पहले दिया गया. वहीं इस दौरान चर्चे में रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनकी तारीफों के पुल बांधने से भी महिला विधायकें नहीं चूकी. केवल एनडीए ही नहीं बल्कि राजद की महिला विधायक भी आज नीतीश कुमार की तारीफ करती दिखीं.
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के दिन बिहार विधानसभा भी महिलाओं के नाम रहा. संसदीय कार्य मंत्री ने आसन से अपील करते हुए कहा कि आज सदन की कार्यवाही में महिला सदस्यों को ही वरीयता मिले. और ऐसा ही किया भी गया. सदन में महिला विधायकों को ही सवाल पूछने का मौका सबसे पहले दिया गया. वहीं इस दौरान चर्चे में रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनकी तारीफों के पुल बांधने से भी महिला विधायकें नहीं चूकी. केवल एनडीए ही नहीं बल्कि राजद की महिला विधायक भी आज नीतीश कुमार की तारीफ करती दिखीं.
जदयू विधायक शालिनी मिश्रा ने सीएम की तारीफ करते हुए कहा कि ‘भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली लेकिन बिहार की महिलाओं को 2005 में जाकर तब स्वतंत्रता मिली जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.’ उन्होंने कहा कि ‘अभी हमारे सीएम के कारण ही प्रदेश के पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में 1,17,717 महिला प्रतिनिधि हैं.’
वहीं विपक्षी खेमे का एक हिस्सा भी आज सीएम नीतीश कुमार के पक्ष में खड़ा दिखा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजद की विधायक रेखा यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने स्थानिय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करवा दी. इसके लिए उनका धन्यवाद देती हूँ. वहीं लालू यादव के शासनकाल में महिलाओं का असली सम्मान बढ़ने की भी बात उन्होंने की. इसी मामले पर एक महिला विधायक का कहना है कि अभी महिलाओं का जीना आसान हुआ है.
बता दें कि महिला विधायकों का एक बड़ा हिस्सा संसद और विधानसभा 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वहीं कुछ महिला विधायकें 33 नहीं बल्कि 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही थीं. वहीं शालिनी मिश्र ने कहा कि चंपारण के थरुहट की महिलाएं नीतीश कुमार को पूजती हैं. महिलाओं को असली आजादी 2005 के बाद ही मिली है.
गौरतलब है कि विधानसभा में इस दिन शून्यकाल के दौरान, भाजपा सदस्य पवन जायसवाल ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस अवसर पर एक महिला विधायक को ‘पीठासीन अधिकारी’ बनने की अनुमति दी जाए. वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी स्पीकर से यही अनुरोध किया. इसके बाद भाजपा की गायत्री देवी और हम की ज्योति देवी को बारी-बारी से पीठासीन अधिकारी बनाया गया और सदन की कार्यवाही की गई.
Posted By: Thakur Shaktilochan