नयी शिक्षा नीति: ग्रेजुएशन में अब जरूरी होगी इंटर्नशिप, चार साल के डिग्री कोर्स में मिलेंगे चार क्रेडिट

यूजीसी ने फोर इयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, इसे लागू भी कर दिया गया है. सभी यूनिवर्सिटी व राज्य सरकार को इसे भेज दिया गया है. नये नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार, ग्रेजुएट कोर्स में अब इंटर्नशिप भी जरूरी होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2022 1:31 AM
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पटना. नये साल से स्टूडेंट्स को किताबी ज्ञान के साथ अनुभव और सीखने पर जोर दिया जायेगा. इसके लिए अंडर ग्रेजुएट में सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के दौरान चार क्रेडिट वर्क प्राप्त करना होगा. लर्निंग आधारित इंटर्नशिप से गुजरना होगा. दो सेमेस्टर के बाद स्टूडेंट्स इंटर्नशिप कर सकते हैं.

यूजीसी ने यह बदलाव नयी शिक्षा नीति के तहत किया है. यूजीसी ने फोर इयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, इसे लागू भी कर दिया गया है. सभी यूनिवर्सिटी व राज्य सरकार को इसे भेज दिया गया है. नये नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार, ग्रेजुएट कोर्स में अब इंटर्नशिप भी जरूरी होगी.

स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन के दौरान ट्रेनिंग लेना जरूरी

यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने प्रभात खबर को बताया है कि स्टूडेंट्स को हर तरफ से तैयार करना है. पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट्स काम करने की क्षमता और बाजार के अनुसार अपने-आप को तैयार कर सकें. ग्रेजुएशन में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स अपने या अन्य संस्थान में किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संगठन या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओं के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि से जुड़ेंगे.

गर्मी की अवधि के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार संगठनों, स्थानीय सरकारें, संसद या निर्वाचित प्रतिनिधिम, मीडिया संगठन, कलाकार, शिल्पकार सहित विभिन्न प्रकार के कोर्स से संबंधित संगठन के साथ इंटर्नशिप का मौका दिलाया जायेगा, ताकि स्टूडेंट्स अपने कोर्स से संबंधित विषय से व्यावहारिक और सक्रिय रूप से जुड़ सकें. प्रो कुमार ने कहा कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा. इसका मकसद आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना भी है.

चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा

प्रो कुमार ने कहा कि यूजीसी के नये नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार ही छात्रों को तीन के बजाय चार साल पूरा करने पर ही ग्रेजुएशन डिग्री हासिल होगी. अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा. इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. फिलहाल छात्रों को तीन साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है.

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