पटना. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर लगे दुष्कर्म के प्रयास के आरोप मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. बुधवार को केस की अनुसंधानकर्ता प्रीति सिंह ने पीड़िता का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में कराया. रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी. राकेश तिवारी पर एक निजी कंपनी की निदेशक ने दुष्कर्म का प्रयास व महिला की लज्जा भंग करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में सात मार्च को आइपीसी की धारा 354,376 व 511 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
पीड़िता का आरोप है कि बीसीए ने पटना में आयोजित टी-20 क्रिकेट लीग के विज्ञापन, डिजिटल मार्केटिंग, प्रचार-प्रसार आदि की जिम्मेदारी दी थी, जिसका बिल 3.25 लाख रुपये था. लेकिन उन्हें बिल भुगतान करने के नाम पर दिल्ली में ही होटल में बुला कर छेड़छाड़ की. किसी तरह वह वहां से निकल पायी. दूसरी बार बिल देने के नाम पर बुला कर तिवारी ने फिर से गलत हरकत की.
राकेश तिवारी पर केस दर्ज कराने वाली लड़की ने चार जनवरी, 2022 को पार्लियामेंट थाने में आवेदन दिया था. फिर दस दिनों बाद पुलिस को बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. 14 जनवरी को केस वापस लेने को कहा. गुरुवार को पीड़िता के नाम से एक नोटरी एफिडेविट वायरल हुआ, जिसमें जिक्र है कि उसने बाहरी तत्वों के बहकावे में आकर कंपलेन किया था. हालांकि इस एफिडेविट की प्रभात खबर पुष्टि नहीं करता है. मालूम हो कि फरवरी माह में बीसीए अध्यक्ष ने भी ब्लैकमेल का आरोप लगाते हुए एक केस उक्त लड़की पर दर्ज कराया था.
पटना. बिहार क्रिक्रेट एसोसिएशन के संयोजक सह प्रवक्ता कृष्णा पटेल ने राकेश तिवारी पर लगे आरोपों को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताते हुए उल्टे आरोप लगाने वाली महिला और उसके भाई पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हरियाणा के गुरुग्राम थाने में पिछले साल जालसाजी के आरोप में दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद तीन सितंबर 2021 को दोनों भाई-बहन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके अलावे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाने और राजस्थान के आजाद मंडी थाना, मुंबई के आजाद मैदान थाना में भी केस दर्ज हैं. कृष्णा पटेल ने कहा कि जिस होटल व कमरे की चर्चा प्राथमिकी में की गयी है, वहां उक्त तिथि को न तो बीसीए अध्यक्ष मौजूद थे और न ही उस नंबर का कोई कमरा उस होटल में मौजूद है.