बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आदेश पर मैट्रिक की परीक्षा के पहले दिन प्रथम पाली की परीक्षा के प्रश्नपत्र मोतिहारी में वायरल होने के मामले की जांच शुरू हो गयी है. शिकायत पहुंची थी कि परीक्षा शुरू होने से 37 मिनट पहले गणित विषय का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने अपर समाहर्ता शशिशेखर चौधरी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी है. बिहार बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि प्रथम पाली में गणित की परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से तथाकथित कुछ प्रश्न वायरल करने की सूचना प्राप्त हुई है. इस संबंध में पूर्वी चंपारण के डीएम को जांच करवाने और प्रतिवेदन भेजने का आदेश दिया गया है.
पहले दिन परीक्षा के दौरान 18 जिलों में कदाचार के आरोप में 100 परीक्षार्थी निष्कासित किये गये और 20 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि राज्यभर में पहले दिन परीक्षा शांतिपूर्ण रही है. राज्यभर के 38 जिलों में 1,525 केंद्रों पर परीक्षा ली गयी.
जेंडर के कॉलम में गलती के कारण मैट्रिक में भी छात्राओं के बीच छात्र को बैठाना पड़ा. लोहिया आदर्श केंद्र छात्राओं के लिए बनाया गया है. यहीं पर एक छात्र को भी परीक्षा में शामिल किया गया. बोर्ड से जारी एडमिट कार्ड पर छात्र का केंद्र भी लोहिया कॉलेज ही आवंटित किया गया है. अन्य केंद्रों पर भी तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत मिली. एक परीक्षार्थी का रोल नंबर ही स्कैन नहीं हो रहा था. केंद्राधीक्षक ने कंट्रोल रूम को सूचना दी. निर्देश के बाद छात्र को परीक्षा में शामिल किया गया.
परीक्षा ड्यूटी से गायब रहने वाले 73 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. डीइओ अब्दुस सलाम अंसारी ने नगर अवर निरीक्षक सहित सभी बीइओ को पत्र भेजकर शिक्षकों पर विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन मांगा है. कहा है कि माध्यमिक परीक्षा 2022 में इनकी ड्यूटी वीक्षक के तौर पर लगी थी. 16 फरवरी तक केंद्र पर योगदान देने के लिए कहा गया था.
परीक्षा ड्यूटी में योगदान न करके वीक्षकों ने परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 का उल्लंघन किया है. यह सरकारी कार्यों में रुचि न लेना, स्वेच्छाचारिता व शिक्षक के विरूद्ध आचरण अपनाने का द्योतक है. सभी शिक्षकों की लिस्ट भेजते हुए संबंधित बीइओ को कार्रवाई की रिपोर्ट संबंधित नियोजन इकाइ के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.