Patna News : जांच दल ने मेट्रो हादसे के लिए एजेंसी को बताया दोषी, कार्रवाई की अनुशंसा
मेट्रो हादसे में तीन मजदूरों की मौत के मामले में कार्यकारी एजेंसी एल एंड टी की लापरवाही उजागर हुई है. जांच में निर्माण एजेंसी द्वारा मशीन के रख-रखाव व एसओपी का पालन नहीं होने का खुलासा.
संवाददाता,पटना : पटना विश्वविद्यालय व पीएमसीएच के बीच मेट्रो टनल की खुदाई के दौरान लोकोमोटर वाहन के ब्रेक फेल होने से हुई दुर्घटना में तीन मजदूरों की मौत के मामले में कार्यकारी एजेंसी एल एंड टी की लापरवाही उजागर हुई है. निर्माण एजेंसी द्वारा मशीन के रख-रखाव व एसओपी का पालन नहीं किये जाने से हादसा हुआ. जांच दल ने डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में लापरवाही व शिथिलता के लिए दोषी कर्मियों व पदाधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जांच रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को भेजी है. 28 अक्तूबर की रात में यह हादसा हुआ था. इसकी जांच के लिए डीएम ने एडीएम विधि-व्यवस्था राजेश रौशन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल बनायी थी. इसमें श्रम अधीक्षक व पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता यांत्रिक भी शामिल थे.
नियमित रूप से नहीं करायी जा रही थी लोको मशीन के ब्रेक की थर्ड पार्टी जांच
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि टनल सेफ्टी और हेल्थ प्लान के बनाये गये नियम के अनुसार मशीन के रख-रखाव में कार्यकारी एजेंसी की लापरवाही पायी गयी है. लोको पायलट द्वारा हर दिन ब्रेक चेकिंग और लोको इंजन की साप्ताहिक सर्विसिंग करा कर उसका रिकाॅर्ड रखना होता है. लेकिन, इसका पालन नहीं किया जा रहा था. जांच के दौरान कमेटी को एजेंसी द्वारा लोको मशीन के इमरजेंसी और नार्मल ब्रेक की थर्ड पार्टी जांच (टीपीआइ) से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गयी. इससे स्पष्ट पता चलता है कि लोको इंजन की थर्ड पार्टी जांच नियमित रूप से नहीं करायी जा रही थी, जिससे समय रहते उसे ठीक नहीं किया जा सका़एसओपी का नहीं किया पालन
जांच दल ने पाया कि कार्यकारी एजेंसी ने टनल की खुदाई के दौरान सुरक्षा संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के पालन में शिथिलता व इसकी मॉनीटरिंग में कमी पायी गयी. फ्लैट कार पर मजदूरों को बैठाने से उसकी मौत हुई. मेट्रो कार्य के लिए बाहर से लाये गये मजदूरों के लिए इंटर स्टेट माइग्रेट वर्कर एक्ट का एजेंसी ने पालन नहीं किया. इसके तहत अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा व कल्याण का ध्यान रखा जाता है. कार्यकारी एजेंसी ने कार्यरत मजदूरों का निबंधन तक नहीं कराया. जांच दल ने लापरवाही व शिथिलता के लिए दोषी कर्मियों व पदाधिकारी पर कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो. साथ ही मशीनरी व उपकरणों के रख-रखाव और सुरक्षा संबंधी मानकों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराना अत्यंत आवश्यक बताया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है