Investors Meet पटना. बिहार के औद्योगिक विकास को लेकर एक अच्छी खबर है. पर्ल ग्लोबल और डेकाथलॉन की निर्माता कंपनी एटीपीएल बिहार में बड़ा निवेश करने जा रही है. पिछले कुछ वर्षों में टेक्सटाइल सेक्टर में बिहार तेजी से आगे बढ़ा है. इसी को देखते हुए पटना में दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 18 जुलाई से शुरू हो जायेगा. मीट का समापन 19 जुलाई को होगा. मीट एक निजी होटल में होगी. प्रदेश के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे. मीट में प्रमुख कंपनियों में जेडी गिरी, शाही एक्सपोर्ट्स के अंकुर त्रिवेदी, अरविंद मिल्स , पर्ल ग्लोबल के पल्लब बनर्जी, ऑरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड और रिलायंस आदि कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे.
रूसी सेना के लिए बिहार में बन रहे जूते
बिहार की हाजीपुर बेस्ड एक कंपनी रूसी सेना को ”मेड इन बिहार” जूते की आपूर्ति कर रही है. डिजाइनर जूता बनाने वाली कॉम्पीटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी यूरोप के कुछ एक अन्य कंपनी को निर्यात करके 100 करोड़ सालाना कमा रही है. रूसी सेना के लिए सेफ्टी शू और यूके इटली, फ्रांस, स्पेन समेत अन्य कई देशों के मार्केट को टारगेट करके लक्जरी डिजाइनर जूते बनाती है. यह तथ्य बिहार के औद्योगिक विकास की नयी पटकथा है. इसके अलावा टेक्सटाइल सेक्टर में निर्यात के लिए पहचानी जाने वाली पर्ल ग्लोबल ने 1.8 लाख वर्ग फीट रेड टू मूव प्लग एंड प्ले स्पेस हासिल कर लिया है. 24 सितंबर तक वह यहां अपनी यूनिट शुरु कर देगी. डेकाथलॉन की निर्माता कंपनी एटीपीएल ने 61 हजार वर्ग फीट जमीन हासिल करने में अपनी रुचि दिखायी है.
2022 से अब तक 88 नयी यूनिटों ने दिखायी रुचि
एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 26 मई 2022 से टेक्सटाइल पॉलिसी आने के बाद से अभी तक 88 नयी यूनिटों ने बिहार में रुचि दिखायी है. इनमें कुछ धरातल पर उतर चुकी हैं. कुछ की निवेश प्रक्रिया जारी है. इस सेक्टर में अभी तक 481.89 करोड़ के निवेश होने जा रहे हैं. राज्य में इस सेक्टर में अभी तक वी-2, न्यू जील, हाइस्प्रिट कमर्शियल वेंचर, आरएससीएस इंटरनेशनल ,कॉसमस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां बिहार में निवेश कर रही हैं. मुजफ्फरपुर के टेक्सटाइल क्लस्टर में वी-2 और आरएससीएस जैसी इकाइयां आ भी चुकी हैं. मुजफ्फरपुर का बैग क्लस्टर भारत का सबसे बड़ा बैग क्लस्टर बनकर उभरा है. यह तथ्य बिहार के औद्योगिक विकास की नयी पटकथा है.