आरोपित नितेश कार्तिकेन की खोज करती रही इओयू
कथित राजद समर्थक द्वारा राजभवन पर भ्रामक ट्वीट मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आरोपित नितेश कार्तिकेन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
राजभवन पर भ्रामक ट्वीट का मामला, पोस्ट को हटाने के लिए एक्स को पत्र संवाददाता, पटना कथित राजद समर्थक द्वारा राजभवन पर भ्रामक ट्वीट मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आरोपित नितेश कार्तिकेन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. इओयू की एसआइटी आरोपित की तलाश करने के साथ ही उससे जुड़े दूसरे हैंडलों का भी पता लगा रही है. यह देखा जा रहा है कि उसने भ्रामक संदेश को प्रसारित करने के लिए किसी दूसरे माध्यमों का तो इस्तेमाल नहीं किया? इसके साथ ही विवादित ट्वीट को ‘टेक डाउन’ किये जाने की कार्रवाई की गयी है, ताकि उसका अधिक प्रसार न हो सके. ट्वीट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए इओयू की एसआइटी ने एक्स (ट्वीटर) को भी पत्र लिखा है.मामले की जांच कर कार्रवाई किये जाने को लेकर इओयू ने डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है. एसआइटी ने आरोपित से पूछताछ को लेकर कई जगहों पर तलाशी की, लेकिन उसकी लोकेशन स्पष्ट नहीं हो सकी. इओयू मानती है कि इस तरह के पोस्ट से आम लोगों में निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति भ्रम उत्पन्न होगा. साथ ही क्षोभ व वैमनस्यता बढ़ायेगा. राजभवन के संज्ञान पर शुरू की गयी कार्रवाई मालूम हो कि राजद आइटी सेल से जुड़े होने का दावा करने वाले नितेश कार्तिकेन ने ट्वीटर हैंडल पर गुरुवार को एक विवादित पोस्ट किया था. इस पोस्ट में कहा गया कि भारत के गृह मंत्री के इशारों पर बिहार के राजभवन में दो इवीएम हैकर को रुकवाया गया है. दोनों संदिग्ध व्यक्ति का नाम पीके कश्यप और डॉ एमके भाई है. यह दोनों व्यक्ति इवीएम हैकिंग के विशेषज्ञ हैं, जिनसे पटना साहिब व पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के चुनाव को प्रभावित किया जा सकता है. इस पोस्ट के वायरल होने पर राजभवन ने मामले को संज्ञान में लिया. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने इस पोस्ट को गलत व आपत्तिजनक बताते हुए इओयू को कार्रवाई के लिए लिखा.
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