बिहार कैडर के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार लौट रहे हैं. गृह मंत्रालय ने उन्हें समय से पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मुक्त कर उनकी सेवाएं बिहार कैडर को वापस कर दी हैं. सोमवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वे मई 2021 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. वे फिलहाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. उन्हें जल्द ही बिहार पुलिस मुख्यालय में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बाहुबलियों के खिलाफ कार्रवाई में थी अहम भूमिका
कुंदन कृष्णन 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और पटना समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं. 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बाहुबलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में आईपीएस कुंदन कृष्णन की अहम भूमिका रही थी. अपराधियों के बीच उनका खौफ था. इसके अलावा वे पुलिस मुख्यालय के एडीजी भी रह चुके हैं. इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें फिर से एडीजी मुख्यालय बनाया जाएगा.
आनंद मोहन को किया था गिरफ्तार
कुंदन कृष्णन का बाहुबली नेता आनंद मोहन से आमना-सामना भी हुआ था. साल 2006 की बात है, जब आनंद मोहन को देहरादून कोर्ट में पेश होना था. पेशी के बाद आनंद मोहन को सहरसा जेल जाना था. लेकिन वो पटना पहुंच गया और एक होटल में कमरा बुक करा लिया. जब कुंदन कृष्णन को इस बात की जानकारी मिली तो वो अपनी टीम के साथ आनंद मोहन को गिरफ्तार करने पहुंच गया. इस दौरान दोनों के बीच बहस भी हुई लेकिन फिर कुंदन कृष्णन ने आनंद मोहन को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले जाकर वहां से जेल भेज दिया.
AK-47 लेकर कैदियों से लोहा लेने पहुंच गए थे जेल
साल 2002 की बात है जब छपरा जेल में करीब 1200 कैदियों ने उत्पात मचाया था. इस दौरान कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था और पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रहे थे. उस समय कुंदन कृष्णन सारण जिले के एसपी थे. कैदियों के उत्पात की जानकारी मिलते ही वह कैदियों से लोहा लेने के लिए AK-47 लेकर वहां पहुंच गए. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में पांच कैदी मारे गए थे.
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