इप्टा ( Indian People’s Theatre Association) के 90 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का समापन 27 जुलाई को पटना स्थित इप्टा कार्यालय में हुआ. जिसमें सभी प्रशिक्षु कलाकारों ने अपनी -अपनी प्रस्तुति दी. कार्यालय में कलाकारों को प्रशिक्षण देने ख्याति प्राप्त अभिनेता एवं निर्देशक आए थे.
प्रशिक्षण देने बड़े कलाकारों ने अपना अनुभव साझा किया
प्रशिक्षण देने वालों में एम के रैना (दिल्ली), आशिक हुसैन (मुंबई), कन्हैया लाल कैथवास (हैदराबाद), फरीद खान (मुंबई), आसिफ अली (नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली) , अंतराष्ट्रीय माइम प्रशिक्षक सुमित ठाकुर एवं तनवीर अख्तर आदि शामिल थे. इस कार्यशाला में कलाकारों को उच्चारण, भाषण, मंच अभिनय, ध्वनि, माइम, सेट डिजाइन और कई तरह की चीजें सिखाई गई. इस कार्यशाला का उदेश्य ये था कि सभी बच्चों को आगे भविष्य में एक बेहतर कलाकार और सुलझा हुआ इंसान बनने में मदद करें.
युवा कलाकारों ने नाटक का झलक दिखाया
कार्यक्रम की शुरुआत जनगीतों से हुई. इस दौरान अजिमुल्ला खां की रचना ‘ हम हैं इसके मालिक हिंदुस्तान हमारा ‘ और गोपाल सिंह नेपाली की रचना ‘ रोटियां गरीब की ‘ का गायन हुआ. साथ ही कथन कहानी के तहत सरिता ने ‘ हाथी और चूहा ‘ , संजय ने ‘ शेर और खरगोश ‘ की कहानी, अवधेश ने क्रांतिकारी कहानी की प्रस्तुति दी. इसके अलावा काव्य पाठ के अंतर्गत राजन ने ‘मौत का एक सौदागर ‘ और गौहर रजा की नज्म, अमन आर्य ने अमीर अजीम की नज्म ‘ सब कुछ याद रखा जाएगा ‘, आदित्य, संजय और सौरभ ने फरीद खां की नज्म ‘ माफी ‘ की प्रस्तुति दी.
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संजय कुमार सिन्हा ने धन्यवाद समारोह किया
कार्यक्रम के आखिरी प्रस्तुति असगर वजाहत लिखित नाटक वीरगति के कुछ दृश्यों की हुई. इस नाटक की पूरी प्रस्तुति आगामी 30,31 अगस्त एवं 1 सितंबर 2024 को प्रेमचन्द रंगशाला में होना निश्चित किया गया है. ‘ वो सुबह हमीं से आएगी ‘ गीतों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. धन्यवाद ज्ञापन बिहार इप्टा के कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने किया.