कोरोना का असर कम होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे की ओर से पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी गयी है. फिर भी, रेलवे अब भी पटना के विभिन्न रूटों पर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों में दो तरह का किराया वसूल रहा है. पूर्व मध्य रेलवे में 21 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें ऐसी हैं, जिनमें यात्रियों को मेल/एक्सप्रेस के बराबर किराया देना होता है.
मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ तीन पैसेंजर ट्रेनों (पटना-गया, फतुहा-बक्सर और पटना-झाझा) में ही पैसेंजर ट्रेन का पुराने किराये लिया जा रहा है, जबकि इसी रूट पर उतनी ही दूरी में पैसेंजर ट्रेनों में दोगुना किराये की वसूली की जा रही है.
पैसेंजर ट्रेन के किराये में दोगुने से अधिक का अंतर है. पटना से दानापुर जाने में शटल ट्रेन में 10 रुपये लगते हैं, जबकि पैसेंजर ट्रेन में 30 रुपये किराया लग रहा है. पटना-वाराणसी मेमू से सफर करने पर पटना से आरा के लिए 30 रुपये लिया गया, जबकि पैसेंजर ट्रेन का किराया 15 रुपये है.
पटना से गया जाने में 50 रुपये किराया लग रहा है, जबकि इस रूट में चलनेवाली दो पैसेंजर ट्रेनों में किराया मात्र 25 रुपये लगता है. यात्रियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि किस पैसेंजर ट्रेन में मेल/एक्सप्रेस का किराया लगेगा. किस पैसेंजर ट्रेन में साधारण किराया लगेगा.
बिहार दैनिक यात्री संघ के सदस्यों ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल नाम देकर चलाया गया था. अब भी इसमें मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है. संघ की ओर से पैसेंजर ट्रेनों में मेल/एक्सप्रेस का किराया नहीं लेने के संबंध में जीएम को पत्र दिया गया था.
पूमरे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि यात्रियों की डिमांड पर पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ायी गयी थी. पैसेंजर ट्रेनों में भीड़ कम करने के लिए मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा था
Posted By: Thakur Shaktilochan