पटना. 4500 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े ने ऑनलाइन परीक्षाओं की कमियां उजगार कर दी है. मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इकाई) ने एफआइआर में बताया है कि सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा सेंटर मैनेज थे, जिसमें सेंटर मालिक से लेकर परीक्षा का आयोजन करने वाली एजेंसी वी साइन के कर्मियों की बड़ी भूमिका थी. ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की जांच में सर्वर रूम से अलग सेंटर ऑनर के चैंबर (कार्यालय कक्ष) में रखे लैपटॉप में प्रॉक्सी सर्वर पाया गया, जिसकी मदद से कुछ कंप्यूटरों में एनी डेस्क जैसे साॅफ्टवेयर डाल कर उसे बाहर से ऑपरेट कराया जा रहा था. जांच एजेंसी को आशंका है कि पूर्व की परीक्षाओं में भी ऐसी धांधली की गयी होगी. इसको देखते हुए सील किये गये सेंटरों में रखे हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की अलग से जांच करायी जा सकती है.
सुरक्षित नेटबूट की जगह विंडोज सॉफ्टवेयर पर करायी जा रही थी परीक्षा
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि ऑनलाइन परीक्षा नेटबूट पर करायी जाती है, जो सुरक्षित होता है. उस पर किसी प्रकार का साॅफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं किया जा सकता. लेकिन, इसके विपरीत सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी परीक्षा में सेटिंग करने के नियत से ही इस बार विंडोज पर परीक्षा कराया जा रहा था.
500 रुपये दैनिक वेतन पर थे बहाल
जांच में यह भी पता चला है कि परीक्षा संचालन कर रही एजेंसी वी साइन ने प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर मैनपावर सप्लाइ करने वाली निजी कंपनी से 500-700 रुपये दैनिक पर कर्मियों की सेवा ली थी. इन कर्मियों को परीक्षा संयोजक, निरीक्षक, आइटी मैनेजर व आइ सपोर्ट स्टाफ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी थी.
केंद्रों ने अवैध रूप से एक अतिरिक्त लीज लाइन रखा
इओयू ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा में कदाचार करने के लिए ही परीक्षा केंद्रों पर अवैध रूप से एक अतिरिक्त लीजलाइन रखा गया था. दरअसल ऑनलाइन परीक्षा लेने का कार्य जिस कंपनी को दिया जाता है, वह कंपनी अपने कर्मियों को एक या दो सर्वर लैपटॉप के साथ परीक्षा केंद्र पर भेजती है. चूंकि सर्वर को चलाने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है, इसलिए परीक्षा केंद्र पर एक अतिरिक्त लीजलाइन के माध्यम से उक्त सर्वर लैपटॉप को इंटरनेट उपलब्ध कराया जाता है. कंपनी द्वारा भेजे गये सर्वर लैपटॉप को सर्वर रूम में रखा जाता है. उक्त सर्वर लैपटॉप को नेटवर्क स्विच से जोड़ कर परीक्षार्थी के कंप्यूटर तक प्रश्न-पत्र पहुंचाया जाता है. मगर केंद्र संचालकों ने अतिरिक्त लीजलाइन रख कर उसे होम नेटवर्क में जोड़ कर एक प्रॉक्सी सर्वर बना कर उसे अपने कार्यालय कक्ष में छुपा रखा था. उक्त प्रॉक्सी सर्वर से होम नेटवर्क एवं इंटरनेट के माध्यम से रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर एम्मी एडमिन के माध्यम से दूसरे स्थान पर बैठकर सॉल्वर गैंग द्वारा रिमोट एक्सेस प्राप्त कर परीक्षा में कदाचार किया गया.
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