संवाददाता, पटना प्रदेश में संचालित होटल, धर्मशाला व आश्रमों में एसटीपी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार शहर के सभी होटलों, धर्मशाला व आश्रमों में एसटीपी लगाना बेहद जरूरी है. इसकी जांच के लिए प्रदूषण बोर्ड ने स्पेशल जांच टीम का गठन कर दिया है जो शहर के करीब 100 से अधिक होटलों, धर्मशाला व आश्रमों में जाकर लगे एसीटीपी की जांच करेगी. प्रदूषण बोर्ड के प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञों ने बताया कि एसटीपी लगाने से इन औद्योगिक स्थलों में हो रहे वेस्ट वाटर को रिसाइकल कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकेगा. पर्यावरण कोर्ट एनजीटी से मिले आदेशानुसार शहरी इलाकों में ग्राउंड वाटर घटने की वजह से वाटर को रिसाइकल करना अनिवार्य कर दिया गया है. प्रदेश की कई जगहों पर ग्राउंड वाटर कम होने की वजह से आम जनजीवन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. होटल, धर्मशाला, आश्रमों में एसटीपी बोओडी- 30 यानि बॉयो केमिकल डिमांड प्रमाणित मानक एसटीपी का निर्माण कराना होगा. प्रदूषण बोर्ड की टीम शहर में संचालित होटल, धर्मशाला व आश्रमों को एनओसी देने से पहले इसका निरीक्षण किया जायेगा. प्रदूषण बोर्ड की ऑफिशियल साइट पर कर सकते हैं आवेदन : औद्योगिक क्षेत्रों को एनओसी लेने व एसटीपी निर्माण करने के लिए प्रदूषण बोर्ड की ऑफिशियल साइट पर आवेदन कर सकते हैं. बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर सीटीओ व सीटीइ के लिए आवेदन कर सकते हैं. स्वच्छ भारत मिशन के बिंदुओं पर उतरने वाले प्रतिष्ठान को पुरस्कृत भी किया जायेगा. साथ ही ऐसे स्थलों पर अग्निशमन व पेयजल की व्यवस्था भी होनी चाहिए.
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