वर्ष 2027 से मिलने लगेगी सुविधा : विजय सिन्हा संवाददाता, पटना राज्य के सुदूर इलाके से राजधानी पटना तीन से साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकेगा. आम लोगों को सड़क मार्ग से सफर की यह सुविधा साल 2027 से मिलने लगेगी. इस योजना पर पथ निर्माण विभाग ने काम शुरू कर दिया है. फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के सुदूर इलाके से छह घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य हासिल हो चुका है. साथ ही इस साल से राज्य के सभी सुदूर इलाके से राजधानी पटना करीब पांच घंटे में आम लोग पहुंचने लगेंगे. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी. वे शुक्रवार को विश्वेश्वरैया भवन स्थित विभाग के सभा कक्ष में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, विभाग के सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी, सचिव बी कार्तिकेय धनजी व विशेष सचिव शीर्षत कपिल अशोक मौजूद रहे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राजधानी पटना तीन से साढ़े तीन घंटे में पहुंचने के बारे में बताया कि राज्य में एक्सप्रेसवे के साथ कई सड़कों सहित गंगा, कोसी, गंडक और सोन नदी पर पुल बन रहे हैं. इनमें से अधिकतर का निर्माण इसी साल पूरा हो जायेगा. इनमें गंगा नदी पर औंटा-सिमरिया सिक्सलेन पुल सहित पटना-गया-डोभी सड़क शामिल है. साथ ही कई नयी सड़कों सहित करीब 250 आरओबी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया गया है. इन सभी का निर्माण 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है. नयी सड़कों में शामिल पशुपतिनाथ-बैद्यनाथ धाम हाइस्पीड कॉरिडोर, नारायणी-गंगा कॉरिडोर, फारबिसगंज-कहलगांव-बाराहाट कॉरिडोर और नवादा-वारसलीगंज- मोकामा कॉरिडोर के निर्माण का भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नेशनल हाइवे का घनत्व राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. ऐसे में नेशनल हाइवे की कुल लंबाई बढ़ाकर करीब 13 हजार किमी करने की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्र सरकार से एनएच करीब 2511 किमी लंबाई में एसएच और करीब 4329 किमी लंबाई में वृहद जिला पथों को नेशनल हाइवे घोषित करने का अनुरोध किया गया है. ऐसा होने पर 6840 किमी लंबाई में अतिरिक्त एनएच उपलब्ध हो जायेगा. वहीं, पहले से करीब 5963 किमी लंबाई में एनएच हैं. साथ ही राज्य में लगभग 186 किमी सिंगल लेन वाले नेशनल हाइवे को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप पेभ्ड शोल्डर सहित दो-लेन (10 मीटर) में विकसित करने का अनुरोध किया गया है.
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