बिहार के ITI पास छात्र अब सीधे स्नातक में करा सकेंगे नामांकन, राजभवन ने कुलपतियों को भेजी चिट्ठी
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि यदि बिहार बोर्ड से कक्षा 12वीं के लिए निर्धारित कोर्स के अनुसार हिंदी या अंग्रेजी की परीक्षा एक ही वर्ष में तथा आइटीआइ की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं तो उन्हें 12 वीं पास माना जायेगा.
बिहार में आइटीआइ की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को अब कक्षा 12 वीं पास के समकक्ष ही माना जायेगा. आइटीआइ पास छात्र अब उसके आधार पर स्नातक कक्षा में सीधे नामांकन करा सकेंगे. राजभवन ने इस संदर्भ में औपचारिक तौर पर निर्णय ले लिया है. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की तरफ से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखा है कि यदि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कक्षा 12 वीं के लिए निर्धारित कोर्स के अनुसार हिंदी अथवा अंग्रेजी की परीक्षा एक ही वर्ष में तथा आइटीआइ की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं तो उन्हें 12 वीं के उत्तीर्ण माना जायेगा. वे आगे की परीक्षा मसलन स्नातक कक्षा में नामांकन करा सकेंगे. राजभवन ने इस मामले में बिहार के विश्वविद्यालयों के सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है.
राजभवन की तरफ से लिये गये निर्णय के मुताबिक कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात दो या दो से अधिक वर्ष की नेशनल कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग या स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग से मान्यता प्राप्त कोर्स में दाखिला लेने तथा उक्त कोर्स में प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करना होगा. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने कुलपतियों से कहा है कि इस निर्णय का अक्षरश: पालन किया जाये.
शिक्षा विभाग के सचिव ने राजभवन को लिखा था पत्र
इससे पहले अक्तूबर में शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ ने राजभवन पत्र लिख कर आग्रह किया था कि आइटीआइ उत्तीर्ण को कक्षा 12 वीं के समकक्ष मानते हुए संबंधित विद्यार्थियों को स्नातक में नामांकन कराने की अनुमति दी जाये. उल्लेखनीय है कि आइटीआइ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बिहार बोर्ड की उच्च माध्यमिक स्तरीय भाषा परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने की स्थिति में केवल विज्ञान संकाय के लिए 12 वीं उत्तीर्ण की समकक्षता दी गयी थी. इससे पहले शिक्षा विभाग की एक समिति ने इस मामले में अपनी अनुशंसा भी की थी, जिसे राजभवन भेजा गया था.