जगदानंद सिंह की छुट्टियां खत्म, पटना लौटने से पहले पार्टी के कई ऑफिशियल वाट्सएप ग्रुप से हुए बाहर
छुट्टी से वापसी के ठीक पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी के कई ऑफिशियल वाट्सएप ग्रुप से बाहर हो गये हैं. जिन वाट्सएप ग्रुप वे वह बाहर हुए हैं, वह महासचिव, सचिव , जिला अध्यक्ष और जिला प्रधान सचिव से जुड़े हैं.
पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आज पटना आ सकते हैं. जगदानंद सिंह पिछले 15 दिनों से छुट्टियों पर हैं और अपने गांव में आराम कर रहे हैं. हालांकि उनकी छुट्टी पर जाने के पीछे और राष्ट्रीय अधिवेशन से दूरी की वजह नाराजगी बताई जा रही है, लेकिन अब खबर यह है कि जगदा बाबू वापसी करने के मूड में हैं. इधर, छुट्टी से वापसी के ठीक पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी के कई ऑफिशियल वाट्सएप ग्रुप से बाहर हो गये हैं. जिन वाट्सएप ग्रुप वे वह बाहर हुए हैं, वह महासचिव, सचिव , जिला अध्यक्ष और जिला प्रधान सचिव से जुड़े हैं.
निजी मैसेज वाट्स ग्रुप में डालने से हुए बाहर
पार्टी से जुड़े जानकारों के मुताबिक इसकी वजह कुछ निजी मैसेज वाट्स ग्रुप में डालना है. हालांकि, वजह के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी हैं. हालांकि, पार्टी के बड़े पदाधिकारियों ने बताया कि वह कुछ वाटसएप ग्रुप से बाहर हुए हैं. अभी भी वह बतौर प्रदेश अध्यक्ष वह तमाम ग्रुपों में बने हुए हैं. इसी से साफ होता है कि उनका बहुचर्चित इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.
एक-दो दिन में लौट सकते हैं काम पर
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कुछ दिनों में पार्टी कार्यालय आ सकते हैं. उनके कुछ नजदीकियों के मुताबिक एक-दो दिन में ऐसा संभव है. औपचारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है. उल्लेखनीय है कि तीन अक्तूबर से अभी तक वह पार्टी कार्यालय नहीं आये हैं. राजद प्रदेश कार्यालय में उनकी नेम प्लेट अभी भी लगी हुई है. उनकी अनुपस्थिति में अनौपचारिक तौर पर संगठन का कामकाज पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी भोला यादव और आलोक मेहता संभाल रहे हैं.
इतने दिनों तक पहले कभी नहीं रहे थे काम से अलग
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक आज जगदानंद सिंह वापस से पटना पहुंचने वाले हैं. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करते हुए जगदा बाबू कभी इतने दिनों तक पार्टी कार्यालय से दूर नहीं रहे. कोरोना काल को छोड़कर जगदानंद सिंह में कभी भी प्रदेश कार्यालय पहुंचना बंद नहीं किया, लेकिन 2 अक्टूबर को जब उनके बेटे सुधाकर सिंह का मंत्री पद से इस्तीफा हुआ वह अपने गांव चले गए थे. दिल्ली में लालू प्रसाद यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक जगदानंद सिंह का इंतजार करते रहे लेकिन वह पार्टी के खुले अधिवेशन में नहीं पहुंचे.