24 इकाइयों में बनाये जायेंगे कई स्वादों के गुड़
बिहार में सामान्य एवं फ्लेवर्ड गुड़ उत्पादन का दौर अब शुरू होने जा रहा है. ईखायुक्त की अध्यक्षता में गठित परियोजना अनुमोदन समिति ने 24 गुड़ प्लांट लगाने की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है.
संवाददाता, पटना बिहार में सामान्य एवं फ्लेवर्ड गुड़ उत्पादन का दौर अब शुरू होने जा रहा है. ईखायुक्त की अध्यक्षता में गठित परियोजना अनुमोदन समिति ने 24 गुड़ प्लांट लगाने की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इन परियोजनाओं में शुरुआती निवेश करीब सात से आठ करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इससे पहले राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत 84 ऑनलाइन आवेदन आये थे. इनमें विभागीय समिति ने 37 परियोजना आवेदनों का चयन किया था. फिलहाल 24 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गयी है. यह परियोजनाएं लहेरियासराय, समस्तीपुर, मोतिहारी, गोपालगंज, रामनगर, सीवान,बेतिया और मुजफ्फरपुर में प्रस्तावित हैं. सभी गुड़ प्लांट स्मॉल एंड मीडियम साइज के हैं. इनकी क्षमता पांच से 40 टीसीडी होगी. संबंधित प्लांट अत्याधुनिक ऑटोमेटिक होंगे. शेष 13 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया. ईखायुक्त की अध्यक्षता में हुई समिति ने सभी गुड़ प्लांट लगाने वाले आवेदकों से कहा है कि इस परियोजना के लिए स्वयं के नाम से भूमि के अतिरिक्त पैतृक भूमि और आवेदक के संदर्भ में सक्षम प्राधिकार की तरफ से जारी वंशावली तथा परिवार के सभी जीवित सदस्यों का अनापत्ति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं. रीगा चीनी मिल में गन्ना पेराई तेजी से जारी है. चार साल बाद शुरू हुई इस मिल में करीब सवा लाख क्विंटल गन्ना पेराई हो चुकी है. मिल के पास समुचित गन्ना है. गन्ना उद्योग विभाग का कहना है कि यह मिल अभी लगातार चलेगी. चूंकि यह मिल करीब चार साल से बंद थी,इसलिए कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं. विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों का मिल प्रबंधन समाधान निकाल रहा है. सीतामढ़ी की इस मिल को कर्नाटक की निरानी सुगर्स लिमिटेड ने अधिग्रहित किया है.विभागीय जानकारी के अनुसार चालू पेराई सत्र 2024–25 में उसे जितना गन्ना मिलेगा, उतना पेराई करेगा. संभावना बतायी जा रही है कि इस साल चीनी मिल द्वारा पांच से दस लाख लाख क्विंटल की पेराई संभव हो सकती है. इससे लगभग 5000 से 7000 गन्ना कृषक लाभान्वित होंगे. हालांकि, पेराई सत्र 2025–26 व आगे के वर्षो में लगभग 30 से 35 हजार गन्ना किसानों को लाभ होगा. फिलहाल अब चीनी मिल प्रबंधन अगले साल के लिए गन्ना लगवाने के संदर्भ में जरूरी कदम उठाने जा रहा है.
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