बिहार में मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत पीएचइडी 56 हजार वार्डों में शुद्ध पानी पहुंचने में सफल रहा है.कुछ एक वार्ड में जहां भी पानी नहीं पहुंच सका है, वहां कुछ तकनीकी कारण है, जिसे ठीक कर वहां भी दिसंबर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. वहीं, पानी को लोग बर्बाद नहीं करें, इसको लेकर जल चौपाल सभी वार्ड में होना है. इस जल चौपाल का लाभ लोगों को मिले, इसके लिए कोरोना गाइडलाइन के तहत विभाग भी गाइडलाइन तैयार कर रहा है, जिसके बाद दिसंबर से जल चौपाल गांव- गांव में शुरू हो जायेगा.
मुख्यमंत्री नल जल योजना, बाकी जलपूर्ति योजना व बारिश के पानी बचाने और उसका दुरुपयोग रोकने के लिए लोगों को विभाग गांवों में ‘जल चौपाल’ लगायेगी. बिहार में जल संकट को देखते हुए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है, जिसमें बारिश के पानी का संचयन करने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. पीएचइडी ने अब पानी की महत्ता समझाने के लिए गांव में चौपाल लगाने का निर्णय लिया है.
इस चौपाल में विभाग के इंजीनियर के अलावा पंचायत प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. राज्य सरकार जल, जीवन और हरियाली की जिम्मेदारी के मिशन साथ आगे बढ़ रही है. जल संचयन की ओर ध्यान दिये जाना जरूरी है,इसलिए अधिकारियों को गांव- गांव जाने व वहां रहकर लोगों को जागरूक करने का दिशा निर्देश दिया गया है, ताकि लोग समझ पायें कि पानी कितना जरूरी है.
Also Read: Kisan Andolan: भारत बंद को विभिन्न दलों का समर्थन, बिहार में आवश्यक सेवाओं को बंद करने आज सड़क पर उतरेंगे कार्यकर्ता
जल चौपाल व पानी की समस्या के समाधान के लिए जन प्रतिनिधि और युवाओं से भी अधिकारी सहयोग लेंगे. बिहार में सात निश्चय के तहत हर घर तक नल का जल पहुंचाया गया है और अब योजना पार्ट टू में लोगों तक नियमित पानी पहुंचे और वह पानी को बर्बाद नहीं करें. इसको लेकर चौपाल लगायी जायेगी.
Posted by : Thakur Shaktilochan