Bihar Land Registry: बिहार में जमीन से जुड़े दस्तावेजों की रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अहम सुनवाई होगी. मामले में कोर्ट यह तय करेगा कि निबंधन में जमाबंदी अनिवार्य होगी या फिर सरकारी नियम फिर से लागू होगा. दरअसल राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहरी क्षेत्र के अपार्टमेंट और फ्लैट को छोड़ कर सभी इलाकों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लॉट की जमाबंदी होना अनिवार्य कर दिया था. इस जमाबंदी का उल्लेख नये डीड में भी किया जाता है.
21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाया था स्टे
मामले में पटना हाइकोर्ट के आदेश पर 21 फरवरी 2024 को यह नियम लागू किया गया था, लेकिन 21 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगा दिया, जिससे पुरानी व्यवस्था बहाल हो गयी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मसले पर कोई निर्णय लिये जाने की उम्मीद लगायी जा रही है. लोगों की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है.
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हाईकोर्ट ने क्या दिया था आदेश
पटना हाईकोर्ट ने जमीन की रजिस्ट्री को लेकर बिहार सरकार के फैसले को सही करार देते हुए कहा था कि जमीन जमाबंदी जिसके नाम से होगी, वहीं व्यक्ति जमीन की खरीद-बिक्री कर सकता है. यानि दादा-दादी या माता-पिता के नाम पर जो जमीन होगी उसे बेचने के अधिकार बेटा-बेटी के पास नहीं होगा. जिसके बाद जमीन रजिस्ट्री की संख्या में भारी गिरावट भी देखने को मिली. वहीं कुछ लोग पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाते हुए सुनवाई की तारीख 24 सितंबर तय की थी.
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