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बिहार चुनाव को लेकर महिलाओं पर क्यों है प्रशांत किशोर का अधिक फोकस? इन आंकड़ों से समझिए…

जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार चुनाव 2025 की तैयारी कर रहे हैं. पटना में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अधिक से अधिक महिलाओं को जनसुराज से जुड़ने की अपील की गयी.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 26, 2024 8:43 AM
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जन सुराज (Jan suraaj party) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने रविवार को पटना में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया. प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2024 में कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को जनसुराज की तरफ से जीत दिलाएंगे और विधानसभा ले जाएंगे. इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी बतायी कि कैसे महिलाओं को जीत दिलायी जाएगी. इस महिला संवाद में बिहार के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई थीं. इस कार्यक्रम के बाद अब सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज है कि प्रशांत किशोर आखिर कहां निशाना साध रहे हैं. वहीं सियासी मामलों के जानकार इसे अपने नजरिए से देखते हैं.

महिला संवाद में प्रशांत किशोर की अपील

प्रशांत किशोर के जनसुराज की चर्चा अभी सियासी गलियारों से लेकर बिहार के आम जनों तक हो रही है.अधिक से अधिक युवाओं और महिलाओं को जनसुराज से जोड़ने की तैयारी लगातार पीके कर रहे हैं. अलग-अलग कार्यक्रमों के तहत उन्हें जनसुराज की तरफ लाने का प्रयास किया जा रहा है. रविवार को पटना में महिला संवाद का आयोजन जिस तरह किया गया और महिलाओं को जनसुराज से जुड़ने की अपील प्रशांत किशोर ने जिस अंदाज में की है उसपर सियासी पंडितों की अपनी व्याख्या है.

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PK ने क्या किए वादे?

प्रशांत किशोर महिलाओं को उम्मीदवारी का मौका देने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनसुराज आपके पति और बेटे को रोजगार के लिए पलायन नहीं करने देगा. बिहार में रोजगार की व्यवस्था की जाएगी. महिलाओं को रोजगार के लिए सस्ता लोन देने की भी बात की. जिन महिलाओं को मोबाइल चलाना आता हो उन्हें जनसुराज से जुड़ने की अपील की गयी. सोशल मीडिया के माध्यम से घर बैठे पैसे कमाने का प्रशिक्षण देने की बात पीके ने की.

महिलाओं को साधने की क्या हो सकती है वजह?

महिला संवाद कार्यक्रम जिस अंदाज में किया गया उसे लेकर सियासी मामलों के जानकार कहते हैं कि बिहार में महिलाएं पुरूषों की अपेक्षा मतदान को लेकर अधिक जागरूक रहती हैं. लोकसभा चुनाव व पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान के आकंड़े को अगर देखा जाए तो ये मालूम होता है कि महिलाओं का मतदान प्रतिशत हर फेज में अधिक रहा है. एक तरह से कहा जाए तो महिलाएं जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों हर चुनाव में महिला और युवा वोटरों पर अधिक फोकस भी करती हैं और उनके अधिकारों की बात भी करती है. सरकार की अनेकों योजनाएं भी महिलाओं के लिए रहती हैं.

जरा इन आंकड़ों की ओर झांकिए…

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में 5.01 प्रतिशत अधिक मतदान किया था. वहीं उससे भी पहले अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें भी पुरुषों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने मतदान किया था. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में भी महिला मतदाताएं आगे रहीं. हर फेज में महिला वोटरों की लंबी कतारें बूथों पर देखी गयी हैं.

जनसुराज ने दो प्रमुख मुद्दों को छुआ है

प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में जनसुराज की मजबूती के लिए इन महिला मतदाताओं को अधिक से अधिक संख्या में अपनी ओर करना चाहेंगे. घर से पुरुषों का पलायन और सोशल मीडिया के माध्यम से घर बैठे पैसे कमाने का मुद्दा उठाकर उन्होंने महिलाओं से जुड़ी दो प्रमुख मुद्दों को छुआ है.जनसुराज को इसका फायदा कितना मिलेगा, ये आने वाला समय तय करेगा.

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