Jan Suraaj Party जनसुराज के स्थापना अधिवेशन में प्रशांत किशोर हर बात के बाद भीड़ से मुखातिब हो रहे थे. हर मुद्दे पर भीड़ से हामी भरवा रहे थे. पटना के वेटेनरी मैदान में बुधवार को पूरे भाषण के दौरान यह सिलसिला चला. पूरे भाषण में समस्या के साथ निदान बताने के लिए पीके ने हर उदाहरण का सहारा लिया. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के राज में पिछड़ों को आवाज मिलने और नीतीश कुमार की सरकार में बिजली, सड़क मिलने की बात पर भी भीड़ से हामी भरवायी.
इसके बाद अपने असल मुद्दे पर आये. रोजगार और शिक्षा पर पीके के बताये फॉर्मूले पर भीड़ काफी उत्साहित दिखी. शराबबंदी खत्म करने की बात पर उन्होंने भीड़ से दो बार समर्थन मांगा. कई मुद्दों पर वे हां और ना दोनों में जवाब मांग रहे थे. कहां से पैसे आयेंगे, कहां और कब तक खर्च होंगे, इसका फॉर्मूला भी बताते चल रहे थे. उन्होंने भाषण के अंतिम दौर में पार्टी के अध्यक्ष के नाम की घोषणा पर भी भीड़ से कई बार स्वीकृति मांगी. वे भीड़ और लोगों को जोश देखकर उत्साहित थे
.… और पूरे मैदान में सन्नाटा छा गया
प्रशांत किशोर की हर बात पर भीड़ शोर के साथ स्वीकृति दे रही थी. इसी बीच पीके ने कहा कि अपने बच्चों को याद कर बताइए कि क्या कभी शिक्षा और रोजगार के लिए वोट किया है. उन्होंने दो-तीन बार सवाल दुहराया. भीड़ में इस दौरान पूरा सन्नाटा छा गया था.
हर उम्र, हर तबके के लोग रैली में पहुंचे
राज्य के विभिन्न इलाकों से लगभग सभी तबके और हर उम्र के लोग रैली में आये थे. प्रशांत किशोर ने भी इस पर जोर दिया. युवा पंचायत प्रतिनिधि भी शरीक थे. युवक-यवुती भी पहुंचे थे. इस दौरान टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन करने वालों की भी तादाद अच्छी रही. जन सुराज से चुनाव लड़ने वाले भीड़ से अलग दिखने के लिए गाजे-बाजे के साथ पहुंचे थे.
ट्रैफिक से लेकर भीड़ में भी तैनात थे वॉलेंटियर
जन सुराज के वॉलेंटियर विशेष आइडी व ड्रेस में भीड़ से लेकर ट्रैफिक में थे खड़े रहे. भीड़ को रास्ता दिखाने व कुर्सी पर बैठाने तक की जिम्मेदारी इनके पास थी. प्रोफेशनल भी लगे हुए थे. जन सुराजी और पीके के साथ पदयात्रा में शामिल लोगों को अगल-अलग जवाबदेही दी गयी थी.
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पीके का भाषणा दूसरे नेताओं से अलग
भीड़ में कुर्सी पर बैठे बरौनी के परशुराम साह ने बताया कि प्रशांत किशाेर की बात वे बहुत दिनों से सुन रहे थे. उनकी बात दूसरे नेताओं से अलग लगती है. मसौढ़ी से आयी आरती देवी ने बताया कि कि पीके के पास समस्याओं के निदान का फॉर्मूला भी है. पश्चिम चंपारण से आये अवधेश प्रसाद, आरा के बबन राम, रोहतास के विनोद पांडेय समेत एक बात सभी ने कॉमन तरीके से कही कि उनका भाषण दूसरे नेताओं से अलग रहता है.