संवाददाता,पटना
प्रशांत किशोर ने बताया कि जन सुराज अभियान को बिहार में स्थापित करने और लोगों के बीच ले जाने में दो साल लगे हैं. जब अभियान की शुरुआत की तो लोगों ने कहा था कि बिहार में इसकी कोई जगह नहीं है. बिहार की एक बड़ी जनसंख्या में जन सुराज के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हुई है. अब इस सोच को दल और वोट में बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई है. मात्र एक महीने पुराने दल जन सुराज ने 10 प्रतिशत वोट प्राप्त करके अपनी शुरुआत कर दी है. यह वोट बहुत बड़ा वोट नहीं है, लेकिन इसे एक बेहतर शुरुआत कही जा सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा जैसी देश की सबसे बड़ी पार्टी को 21 प्रतिशत वोट मिलता है. राजद को 20 प्रतिशत, जेडीयू को 11 प्रतिशत और जन सुराज को 10 प्रतिशत वोट मिला है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है