जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने शनिवार को कहा है कि तेजस्वी यादव केवल विध्वंस की बात करते हैं. गिरा देना और उखाड़ देना… जैसे शब्दों का इस्तेमाल वे जिस तरह करते हैं वह साबित करता है कि उनके अंदर कितनी नकारात्मकता भरी हुई है. बिहार 15 वर्षों तक इसी नकारात्मकता को झेलता रहा है. अब वापस बिहार की जनता जंगलराज के दौर को नहीं देखना चाहती.
संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव आज जिस तरह शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं वह यह क्यों भूल जाते हैं कि राजद सरकार की तरफ से संगठित अपराध को संरक्षण दिया जाता था. पलायन बिहार के लिए अभिशाप था क्योंकि बिहार में किसी को नौकरी नहीं मिलती थी.
आज बिहार सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार की तरफ से तबादलों के लिए भी एक पारदर्शी नीति बनायी, लेकिन 15 वर्षों के राजद शासनकाल में आधी रात को तबादले कर दिये जाते थे. संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव यह एलान कर चुके थे कि वह विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे, लेकिन अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर वह माॅनसून सत्र में शामिल नहीं हुए तो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी चली जायेगी.
जेडीयू नेता ने आगे कहा कि राजद के विधायकों में तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भारी असंतोष है. अगर माॅनसून सत्र से वह दूर रहे, तो उन्हें झटका लगता है. वे दूसरों को गिराने के चक्कर में ऐसा गिरेंगे कि कोई उठाने वाला नहीं रहेगा.
Posted By : Avinish Kumar Mishra