जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने 195 लोगों की शिकायतें सुनीं और उनका समाधान किया. सबसे ज्यादा जमीन विवाद, खासकर आपसी जमीन विवाद और पुलिस के खिलाफ शिकायतें आयी.
पुलिस की कुछ कारस्तानी को सुनने के बाद सीएम गुस्से में बोले कि यह तो अच्छा कमाल है और उन्होंने डीजीपी को तुरंत कार्रवाई करने का सख्त आदेश जारी किया. लोगों की फरियाद सुनने के दौरान कई लोगों ने अलग-अलग थानों के बारे में कई मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही.
नौबतपुर के युवक ने बताया कि कुछ महीने पहले जब वह अनाज बेच कर लौट रहा था, तो उससे कुछ अपराधियों ने पैसे छीन लिये. इस मामले की एफआइआर दर्ज कराने वह कई बार नौबतपुर थाना गया, लेकिन थाना प्रभारी ने डांट कर भगा दिया.
सीवान के गौतम यादव ने कहा कि 2020 में वहां के एसपी से शराब माफियाओं के बारे में शिकायत की थी. एसपी ने थाना प्रभारी को यह जानकारी दी. इसके बाद थाना प्रभारी ने इसका काफी प्रचार-प्रसार कर दिया. इसके बार माफियाओं ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. इस पर सीएम ने तल्ख तेवर में कहा कि यह क्या तरीका है, इस तरह से किसी की गोपनीय सूचना को कैसे सार्वजनिक कर दिया थाना ने.
डीजीपी को निर्देश दिया कि इस मामले में तुरंत एक्शन लें. इसी तरह पटना के एक थाना क्षेत्र की महिला ने मारपीट की घटना पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही. सीएम ने तुरंत एसएसपी को कार्रवाई करने का आदेश दिया. सीतामढ़ी के एक व्यक्ति ने कहा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के स्तर से अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश के बाद भी सीओ और स्थानीय थाना ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
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