Janmashtami 2024: जन्माष्टमी की शुरू हुई तैयारी, राधा-कृष्ण की ड्रेस की बढ़ी डिमांड

शहर के स्थानीय से लेकर फुटपाथी दुकानों पर भी जन्माष्टमी का रंग छाने लगा है. लड्डू गोपाल व माखन चोर की विभिन्न लीलाओं की मूर्तियां, झूलों व वस्त्रों की खरीदारी के लिए लोग बाजार पहुंच रहे हैं. कई घरों में बच्चों को राधा-कृष्ण का रूप दिया जाता है. ऐसे में बाजार में श्री कृष्ण और राधा रानी की ड्रेस की भी अच्छी खासी डिमांड है.

By RajeshKumar Ojha | August 22, 2024 7:20 AM

Janmashtami 2024 श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजार में काफी उत्साह है. भक्त लड्डू गोपाल का स्वागत करने की तैयारी में जुट गये हैं. शहर के विभिन्न बाजारों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित चीजों की खरीदारी करते लोगों को देखा जा सकता है. दुकानदारों ने भी भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक, पालना, झूला, बांसुरी व छोटे-छोटे कपड़े और मूर्तियां दुकानों में आकर्षक ढंग से सजायी हैं.

इसकी वजह से राजधानी के कदमकुआं, चूड़ी मार्केट, बाकरगंज, ठाकुरवाड़ी, बोरिंग रोड, कंकड़बाग, चिरैयाटाड़, बेली रोड, कुर्जी सहित विभिन्न बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. दुकानों पर लकड़ी व तार वाले डिजाइनर झूले व रंग-बिरंगे मोतियों व शीशे से सजे झूलों की सबसे अधिक मांग है. बाजारों में भगवान श्री कृष्ण जी की पोशाक, नंद गोपाल, पूजा सामग्री आदि खरीदने वालों का तांता लगा हुआ है.

सर्राफा बाजार में भी मिल रहे माखन चोर
श्री राधा-कृष्ण के प्रति भक्तों की अनोखी आस्था देखने को मिलती है. मन्नत पूरी होने पर भक्त 56 भोग सहित विभिन्न प्रकार के वस्त्र और सोने चांदी के आभूषण भगवान को अर्पित करते हैं. यही वजह है कि सर्राफा बाजार में भी जन्माष्टमी की तैयारी पूरी कर ली गयी है. लोग चांदी के ठाकुर जी महाराज बनवाकर ले जा रहे हैं. कोतवाली थाना स्थित हीरा पन्ना के निदेशक शेखर केसरी ने बताया कि सबसे छोटा लड्डू गोपाल 2500 रुपये और अधिकतम 30 हजार रुपये में उपलब्ध हैं. दुकानदारों का कहना है कि जन्माष्टमी को लेकर लोगों को काफी उत्साह है. लोग जम कर खरीदारी कर रहे हैं.  

चार करोड़ रुपये की कारोबार होने की उम्मीद
शहर के अल्पना मार्केट से लेकर बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड से लेकर चूड़ी मार्केट तक छोटे से बड़े हर दुकान में कृष्ण से जुड़ी सामग्री मिल रही हैं. इनमें वस्त्र, आभूषण, झूला, पगड़ी, मुकुट, खड़ाऊ, चप्पल, टापूर मुकुट, मच्छरदानी, पंखा, कूलर के अलावा लड्डू गोपाल की मूर्तियां मिल रही हैं. हर दुकान में इनकी अलग-अलग रेंज हैं. लड्डू गोपाल और झूले के साथ कान्हा की बांसुरी भी कई आकार में उपलब्ध है. दुकानदारों की मानें तो इस बार लगभग चार करोड़ रुपये की कारोबार होने की उम्मीद है. वैसे पिछले साल की तुलना में इस बार दस से 15 फीसदी तक कीमत में इजाफा दर्ज किया गया है.


  कदमकुआं स्थित श्री पूजा भंडार के शिव कुमार और सतीश कुमार ने बताया कि कान्हा की पोशाक 10 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक की बिक रही है. वहीं कान्हा को सजाने के लिए माला 10 से 150 रुपये, मुकुट 30 से 1500 रुपये, बांसुरी 20 से 250 रुपये और हाथ में पहनाने वाले कड़े 20 रुपये से 200 रुपये तक में बिक रहे हैं. शिव कुमार ने बताया कि लकड़ी वाले डिजाइनर झूले व रंग-बिरंगे मोतियों व शीशे से सजे झूलों की सबसे अधिक मांग है.

राधा-कृष्ण की ड्रेस की भी बढ़ी डिमांड
जहां एक ओर श्री कृष्ण के जन्म को लेकर घरों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, वहीं जिनके घरों में छोटे बच्चे और बच्चियां हैं उनके लिए भी राधा-कृष्ण की ड्रेस की लोग खरीदारी कर रहे हैं. इनमें धोती-कुर्ता, लहंगा-चोली, चुन्नी, मोर, मुकुट, बांसुरी आदि शामिल हैं. इनकी कीमत 300 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक है. दुकानदारों का कहना है कि वे इन कपड़ों का एक महीने पहले ऑर्डर करते हैं या खुद जाकर लेकर आते हैं. बाजार में जीरो साइज से लेकर 15 साल तक के बच्चों के लिए वस्त्र उपलब्ध है.

कृष्ण के बालरूप की पूजा से बढ़ती है घर में संपन्नता
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा की जाती है और देश भर में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप की पूजा करने से आपके घर में संपन्नता बढ़ती है. ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को सप्तमी तिथि दिन आठ बजकर 20 मिनट से समाप्त होकर अष्टमी तिथि लग जायेगी तथा रात्रि 09.20 मिनट से रोहिणी नक्षत्र भी प्रारंभ हो जायेगी. इस प्रकार अष्टमी तिथि-रोहिणी नक्षत्र जयंती योग बना रहा है.

शास्त्रों में बुधवार तथा सोमवार को भी पुण्य फलकारक बताया गया है कि पुनर्बुधवारेण सोमे नापि विशेषतः. अतः स्मार्त्त गृहस्थो के लिए 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाना अत्यंत पुण्यकारी होगा. अपने को विशिष्ट वैष्णव मानने वाले तो औदयिक अष्टमी एवं रोहिणी में 27 अगस्त मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायेंगे. त्रिपाठी ने बताया कि जन्माष्टमी भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाते हैं. इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त की रात तीन बजकर 39 मिनट पर होगी और समापन 27 अगस्त रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि की मान्यता के अनुसार 26 अगस्त के दिन कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जायेगा.  

श्रीकृष्ण की आराधना की यहां हुई विशेष तैयारी
शहर में श्रीकृष्ण की आराधना की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. राजधानी के अधिकतर मंदिरों को आकर्षक तरीके से रंगीन बल्बों से सजाया- संवारा जा रहा है. झूले को तैयार किये जा रहे हैं. पटना के इस्कॉन मंदिर और श्री गौड़ीय मठ सहित अन्य मंदिरों में 26 अगस्त यानी सोमवार को जन्माष्टमी मनायी जायेगी. मौके पर विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन होगा.

श्री गौड़ीय मठ में होगा तीन दिवसीय भव्य समारोह
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर गौड़ीय मठ में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पूरे मंदिर को रोलेक्स, लाइटों से सजाया जा रहा है. यहां इस बार 91 वीं जन्माष्टमी मनाया जायेगा. इस बार दर्शन, पूजन के लिए 50-60 हजार श्रद्धालु आने की संभावना है. यहां 25 अगस्त को श्री कृष्ण जयंती अधिवास संकीर्तन और यज्ञ होगा और दिनभर संकीर्तन होगा.


इस बात की जानकारी मंदिर के प्रवक्ता विश्वजीत कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि 26 अगस्त को विशेष कार्यक्रम होगा जिसमें सुबह 8 बजे से 11 बजे तक मां देवकी गर्भ- स्तुति पाठ, ब्रह्म संहिता, दशावतार स्त्रोत पाठ इत्यादि कार्यक्रम होगा. पूजा एवं प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर दिनभर खुला रहेगा.

इस्कॉन मंदिर में श्रीलंका से आयेंगे कलाकार  
बुद्ध मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर में 26 अगस्त को भव्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. यहां श्रीलंका से आये कलाकार श्री कृष्ण लीला नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे. इसमें देश-विदेशों से भी कृष्ण भक्त शामिल होंगे. पटना इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष श्री कृष्ण कृपा दास ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन सुबह 7:30 बजे से लेकर मध्य रात्रि एक बजे तक भक्तों के द्वारा कीर्तन और भव्य आरती की जायेगी. साथ ही, रात्रि 12 बजे से 151 चांदी कलश से भगवान का महाभिषेक किया जायेगा और महाप्रसाद का वितरण होगा. उन्होंने बताया कि पूर मंदिर परिसर को देश-विदेश के फूलों और रंगीन बल्बों से सजाया जायेगा. 

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