Janmashtami: पटना. जन्माष्टमी को लेकर पटना के इस्कॉन मंदिर में भव्य तैयारी की गयी है. इस्कॉन मंदिर के साथ-साथ महावीर मंदिर में भी नंदलाल के जन्मोत्सव पर विशेष तैयारी है. इस्कॉन मंदिर में बीते रविवार से ही कार्यक्रम शुरू है. सोमवार की सुबह 7 बजे से ही भजन करते भक्त दिखने लगे हैं, जो रात के 12 बजे तक निर्वाध चलेगा. आयोजन के संबंध में इस्कॉन मंदिर के मीडिया प्रभारी नंद गोपाल दास ने बताया कि इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी को लेकर भव्य तैयारी है. मुख्य रूप से 26 अगस्त की मध्य रात्रि को जन्माष्टमी है, लेकिन आयोजन 27 अगस्त तक चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि दोपहर बाद यहां भारी संख्या में भक्तों की भीड़ होने की संभावना है.
दक्षिणायन शंख से होगा भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक
गोपाल दास ने कहा कि सोमवार की रात के 12 बजे तक सांस्कृतिक का कार्यक्रम होगा. कई जगह से कीर्तन मंडली पहुंची है, जो अपनी प्रस्तुति देगी. सबका समय निर्धारित है. इसके अलावा शाम सात से 12 बजे तक रासलीला का कार्यक्रम होगा. भक्त जो पूजा करने के लिए आएंगे उनकी सुरक्षा-व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं. मुख्य कार्यक्रम रात के 12 बजे होगा. उस वक्त भव्य आरती होगी. 251 चांदी के कलश और दक्षिणायन शंख से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक होगा. इसके बाद श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के महत्व पर चर्चा होगी. पूजन के बाद महाप्रसाद का वितरण होगा. 27 अगस्त को दोपहर 12 से 2 बजे तक मंदिर में प्रभुपाद आविर्भाव महोत्सव मनाया जाएगा. इसमें कई प्रमुख लोगों के उपस्थित होने की संभावना है.
पटना महावीर मंदिर में है खास तैयारी
जन्माष्टमी को लेकर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में भी विशेष तैयारी की जा रही है. मंदिर के दूसरे तल पर बने धनुर्धर अर्जुन के सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष आज रात्रि 10 बजे से श्रीमदभागवत कथा पाठ प्रसंग शुरू होगा. 12 बजे आरती के साथ भगवान श्रीकृष्ण का पूजन होगा. इसके अलावा पटना के प्रसिद्ध गोरिया मठ राधे कृष्ण मंदिर में भी जन्माष्टमी को लेकर विशेष तैयारी की गई है. पटना महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि हमने विद्वान ब्राह्मण और ज्योतिषों से अपील की है कि हर वर्ष अलग-अलग तिथियों पर त्यौहार के आयोजन से भक्तों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है. इस दुविधा से निवारण के लिए कोई सर्वमान्य नीति बनाकर एक मानक तैयार करना चाहिए.
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गृहस्थ आज जबकि संन्यासी कल करेंगे उपवास
गृहस्थ आज जबकि संन्यासी कल (27 अगस्त) जन्माष्टमी मनायेंगे. गृहस्थ जन्म से पहले व्रत रखते हैं, जबकि संन्यासी जन्म के उपरांत व्रत करते हैं. उनका तथ्य है कि जिस दिन सूर्योदय होता है वही दिन मान्य होता है. इस अनुसार आज 26 अगस्त को सुबह 8:21 से अष्टमी का प्रवेश हो रहा और यह 27 अगस्त की सुबह 6:35 तक है. इसके बाद नौवीं तिथि का प्रवेश होगा. अष्टमी की उदयातिथि 27 अगस्त को है, लेकिन पूरा दिन और रात अष्टमी तिथि 26 अगस्त को बीत रहा है. इतना तक कि रोहिणी नक्षत्र भी 27 अगस्त को रात्रि 8:23 में ही समाप्त हो जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था और ऐसे में रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को है. ऐसे में आज के दिन ही जन्माष्टमी मनाना अति उत्तम है.