संवाददाता, पटना.
राजधानी में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र के सुयोग में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व जन्माष्टमी मनायी जायेगी. गृहस्थजन, स्मार्त व सनातन धर्मावलंबी आज कई शुभ योगों के सुयोग में जन्माष्टमी का व्रत रखकर अपने कान्हा का जन्मोत्सव मनायेंगे. शहर में सुबह से देर रात तक जन्माष्टमी की धूम रहेगी. सोमवार की रात 12 बजते ही भगवान के धरती पर अवतरण लेंगे और पूरा शहर ‘हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की’…, ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ से गूंज उठेगा. जन्माष्टमी को लेकर रविवार को राजधानी की कई प्रमुख मंदिरों की भव्य सजावट की गयी. वहीं इस्कॉन मंदिर, श्री गौड़ीय मठ मंदिर समेत कई मंदिरों में भजन-कीर्तन और कृष्ण लीला की प्रस्तुति दी गयी. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर राजधानी के इस्कॉन मंदिर, गौड़ीय मठ मंदिर व पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर सहित अन्य मंदिरों की रंग -बिरंगी रोशनियों से भव्य सजावट की गयी है. इस्कॉन मंदिर में रविवार को श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति की गयी. वहीं कलाकारों ने राधा-कृष्ण प्रेम-प्रसंग पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी. श्री गौड़ीय मठ मंदिर में श्री कृषअम की महिमा का गुणगान किया गया. वहीं लव-कुश टावर स्थित आध्यात्मिक सत्संग समिति के सभागार में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया.अष्टमी तिथि सुबह 08:28 बजे से शुरू :
सोमवार को अष्टमी तिथि सुबह 08:28 बजे से शुरू हो रही है तथा रोहिणी नक्षत्र रात्रि 09:19 बजे से आरंभ हो जायेगा. योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र से युक्त मध्यरात्रि में हुआ था. आचार्य राकेश झा ने बताया कि आज सोमवार को भाद्रपद कृष्ण अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र में गृहस्थजन जन्माष्टमी का पर्व मनायेंगे. आज वृष राशि के चंद्रमा की साक्षी में सर्व पापों को हरने वाली जयंती योग, बव करण, वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र के साथ अतिपुण्यकारी सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. आज श्रीकृष्ण के साथ माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा की भी पूजा-अर्चना की जाएगी. वहीं साधु-संत, वैष्णवजन कल 27 अगस्त को औदायिक तिथि से रोहिणी नक्षत्र एवं हर्षण योग के शुभ संयोग में कृष्णाष्टमी का त्योहार मनायेंगे.कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त:
स्थिर लग्न: रात्रि 10:27 बजे से 11:51 बजे तकनिशीथ लग्न: मध्यरात्रि 12:01 बजे से 12:45 बजे तकनिशिता पूजा की अवधि: 44 मिनट
इस्कॉन मंदिर : राधा-कृष्ण लीला की प्रस्तुति पर झूमे श्रद्धालु :
इस्कॉन मंदिर पटना के तत्वावधान में प्रतिवर्ष होने वाले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव अपने आप में अनोखा होता है. इसके तहत त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को प्रथम दिन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति की गयी. मौके पर अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वेरोनिका दशनायका के द्वारा श्रीश्री राधाकृष्ण लीला की प्रस्तुति की गयी जिसने दर्शकों को विह्वल कर दिया. ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो भक्ति सरिता की धारा बह चली हो. पूरा हॉल में वैकुण्ठ का वातावरण बन गया. इस लीला के तहत ठाकुर जी की प्रथम पूजा लीला किशोरी जी का प्राकट्य भाव विह्वल लीला प्रस्तुत किया. साथ ही सुदीपा घोष के निर्देशन में एवं हृदयनारायण झा के संकलन आलेखन में विद्यापति के राधा-कृष्ण प्रेम-प्रसंग पर आधारित नृत्य रूपक प्रेम रस बूंदन की प्रस्तुति सात कलाकारों के द्वारा किया गया. राधा कृष्ण प्रेम-प्रसंग पर आधारित प्रथम दर्शन, नोंक झोंक, भाववोल्लास, विरह, वसंत वर्णन आदि गीतों के भावों में विभोर हुए श्रोता. इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.श्री गौड़ीय मठ मंदिर में मनाया गया अधिवास संकीर्तन :
मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ मंदिर में रविवार को धूमधाम से अधिवास संकीर्तन मनाया गया. मायापुर से आये वैष्णवजणों ने श्री कृष्ण के महिमा गुणगान का कीर्तन किया. मौके पर भक्तों का दिनभर मंदिर आना जाना लगा रहा. संपूर्ण मंदिर को मंगल देने वाली वस्तुओं से सुसज्जित किया गया. श्री कृष्ण के सुस्वागतम के लिए तैयारी चलती रही. वहीं दूसरी ओर 26 अगस्त को सुबह से ही देवकी गर्भ स्तुति इत्यादि का पाठ किया जायेगा. इसके बाद कीर्तन चलता रहेगा. रात्रि में भक्ति सार महाराज सभी श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण तत्व उनके जन्म लीला की कथा सुनायेंगे. शुभ मुहूर्त में अभिषेक, शृंगार के बाद आविर्भाव के बाद 56 भोग निवेदन के बाद आरती की जायेगी. फिर चरणामृत वितरण होगा. सभी कार्यक्रम करीब रात दो बजे तक चलेगी. भक्ति रसमय रस सार महाराज ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने का मतलब है कि कृष्ण को अपने ह्रदय में आर्वीभाव करना. जन्माष्टमी के दिन हमें दिनभर श्री कृष्ण के महिमा का गुणगान करना चाहिए.‘देवकी विवाह’ में दर्शक हुए भावविभोर :
बहुचर्चित सांस्कृतिक संस्था इंडिजिनस नोशन एंड डिस्कवरी ऑफ इनहेरिट आर्ट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘धार्मिक नाट्य उत्सव 2024’ के दूसरे दिन रविवार को नाटक ‘देवकी विवाह’ की प्रस्तुति केशरी नगर स्थित बाला जी विष्णु मंदिर परिसर में हुई. नाटक में भगवान कृष्ण के जन्म से पहले कंस का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ता हुआ दिखाया गया. इसके बाद धरती माता ब्रह्मा जी के पास जाकर अपने पुत्रों पर हो रहे अत्याचार के बारे में बताती हैं. ब्रह्मा ने माता धरती को विश्वास दिलाया कि दैत्य कंस का अंतिम समय प्रारंभ हो गया है. सभी देवगण भगवान विष्णु के पास जाते हैं और बताते हैं कि पृथ्वी पर कंस के पाप से हर एक प्राणी पीड़ित है और अपने आप को असहाय समझने लगे हैं. इसके बाद भगवान विष्णु ने देवगणों को आश्वस्त किया कि मैं पृथ्वी पर अवतार लेकर इन क्लेशों को दूर करूंगा. उन्होंने बताया कि मैं कंस की बहन देवकी के आठवें संतान के रूप में जन्म लूंगा. इसके चलते ऋषि-मुनियों के सुझाव के अनुसार देवी देवकी और वासुदेव का विवाह तय हुआ. मंच पर वसुदेव और देवकी का विवाह प्रसंग देख दर्शक मोहित हो उठे. वहीं, अपनी बहन को रथ पर ले जाते समय आकाशवाणी को सुनकर कंस ने देवकी और वासुदेव को बंदी बना लिया. मंच पर उदय कुमार सिंह के निर्देशन में अनीता कुमारी, प्रियंका, नैना, रूपा, दीप माला, आरती, विवेक, दुर्गेश्वर, प्रतिभा, ज्योति, जयराम, अमित, विक्की व अन्य ने प्ररस्तुति दी.आध्यात्मिक सत्संग समिति की ओर से मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव :
आध्यात्मिक सत्संग समिति, पटना के तत्वाधान में रविवार को लव-कुश टावर स्थित समिति के सभागार में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. समिति के अध्यक्ष कमल नोपानी ने कार्यक्रम में पधारे बाल कलाकारों एवं श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि विगत कई वर्षों से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बाल कलाकारों के बीच समिति द्वारा श्री कृष्ण भक्ति गीतों पर आधारित नृत्य नाटिका प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में बाल कलाकारों द्वारा अनेक प्रकार की भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं जैसे गोवर्धन लीला, रास लीला श्री कृष्ण जन्म आदि की मनमोहन छटा का प्रदर्शन नृत्य नाटिका द्वारा किया. सबसे अच्छी प्रस्तुति के लिए बाल कलाकारों को समिति द्वारा पुरस्कृत किया गया. मौके पर समिति के विष्णु सुरेका, नीलम केजरीवाल, विनोद डाबरीवाल, विनोद झुनझुनवाला, अंजु मैतिन, संजु अग्रवाल, महेश बंसल, बंसत कुमार आदि मौजूद थे.महावीर मंदिर : रात 10 बजे से पाठ, 12 बजे होगी आरती :
पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन सोमवार को होगा. इस दिन मंदिर के दूसरे तल पर धनुर्धर अर्जुन के सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष रात्रि 10 बजे से पाठ शुरू होगा. भागवत पुराण में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के प्रसंग का पाठ होगा. ठीक मध्य रात्रि 12 बजे जन्म आरती होगी. इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मथुरा के भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान मन्दिर में सोमवार 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है. महावीर मन्दिर में मथुरा जन्मस्थान मन्दिर की मान्य तिथि से ही जन्माष्टमी का आयोजन किया जाता रहा है. कहा कि हालांकि वृंदावन के बांके बिहारी मन्दिर में 27 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है. भगवान विष्णु के त्रेतायुगीन अवतार श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भी दो तिथियों में जन्माष्टमी मनायी जा रही है. अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मन्दिर में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मन्दिर की ही भांति 26 अगस्त दिन सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है. आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि कालव्यापिनि तिथि के आधार पर सोमवार को और उदया तिथि की सामान्य मान्यता के आधार पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मंगलवार को मनायी जा रही है.श्री कृष्ण जन्मोत्सव : दही हांडी प्रतियोगिता में होंगी लड़कियों की 9 टीमें :
श्री दहशरा कमिटी ट्रस्ट की ओर से 27 और 28 अगस्त को गांधी मैदान में श्री कृष्ण महोत्सव का आयोजन होगा. ट्रस्ट अध्यक्ष श्री अरुण कुमार ने बताया कि महोत्सव को उदघाटन सूबे के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 27 अगस्त को शाम 6 बजे करेंगे. पहले दिन 27 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होगा, तो दूसरे दिन 28 अगस्त को दही-हांडी प्रतियोगिता का रोमांचक दृश्य देखने को मिलेगा. महोत्सव के सह संयोजक राकेश कुमार ने बताया कि 27 अगस्त को फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, भक्ति संगीत व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, तो 28 अगस्त को दोपहर 12 बजे से दही-हांडी प्रतियोगिता होगी. प्रतियोगिता में राज्यभर की कुल 24 टीमें शामिल हो रही हैं. 15 टीमें लड़कों की एवं 9 टीमें लड़कियों की है. 20 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकायी जायेगी, लड़कियों के लिए 18 फीट और सबसे कम समय में मटका फोड़नेवाले को विजयी घोषित किया जायेगा. लोगों के बीच जागरूकता के लिए गांधी मैदान से तीन रथ अध्यक्ष द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो पूरे शहर में घूमकर दही- हांड़ी के बारे में लोगों को जागरूक करेगा. कार्यक्रम की सफलता के लिए अरुण कुमार, मुकेश नंदन, एम पी जैन, राकेश कुमार, मनीष सिन्हा, कमल नोपानी, धर्मराज केसरी, शम्भू बाबा, पवन कुमार, धनंजय कुमार, आर्य नंदन, चंदन सिंह और रामाकांत आदि लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है