पटना हाई कोर्ट द्वारा बिहार नगर निकाय चुनाव पर रोक लगने के बाद से राज्य में सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. भाजपा और जदयू नेताओं का एक दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है. एक तरफ जहां भाजपा राज्य सरकार पर पिछड़ों को धोका देने का आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जदयू नेताओं का कहना है कि भाजपा आयोग गठन की बातें कर आरक्षण को उलझाना चाह रही है. इसी क्रम में अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बयान देते हुए कहा है कि जदयू भाजपा की साजिश के खिलाफ अभियान चलाएगी.
ललन सिंह ने कहा कि दलित-महादलित एवं अतिपिछड़ा-पिछड़ा समाज और महिलाओं को आरक्षण देने का निर्णय तो 2005-06 में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लिया था. उसके बाद ग्राम पंचायत और नगर निकायों के चुनाव भी आरक्षण देने की व्यवस्था की गई थी. उस वक्त से बिहार के सभी चुनाव इसी एक्ट के आधार पर कराए जा रहे हैं. इस बार भी निकाय चुनाव इसी एक्ट के मुताबिक कराए जा रहे थे.
दलित-महादलित एवं अतिपिछड़ा-पिछड़ा समाज और महिलाओं को आरक्षण देने का निर्णय तो 2005-06 में ही श्री @NitishKumar जी ने लिया था, उसके बाद ग्राम पंचायत और नगर निकायों के चुनाव भी हुए।
भाजपा आरक्षण विरोधी है, RSS प्रमुख मोहन भागवत जी के विचारों पर चलती है। जद (यू.) इनकी पोल खोलेगा। pic.twitter.com/trOOgNCMjl
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) October 5, 2022
ललन सिंह इस दौरान भाजपा पर भी हमलावर होते दिखें उन्होंने कहा कि बुद्धि कहीं बाजार में नहीं बिकती जो भाजपा नेताओं को दे दिया जाये. भाजपा नेता जो आयोग गठन की मांग कर रहे हैं इसका बिहार से कोई लेना देना नहीं है. भाजपा नेता आयोग की बात कर सिर्फ आरक्षण को उलझाने और समाप्त करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग गठन की बात महाराष्ट्र के लिए कही थी न की बिहार के लिए.
जदयू नेता ललन सिंह ने कहा कि महिलाओं, दलित समाज, अनुसूचित जाति और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण नीतीश कुमार जी की प्रतिबद्धता है और नीतीश कुमार अपने कमीटमेंट से पीछे हटने वाले व्यक्ति में से नहीं हैं. वहीं भाजपा आरक्षण विरोधी है इसलिए आयोग गठन की बात कर रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा था कि देश में आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए. बीजेपी भी उन्हीं के विचारों पर चलती है और आरक्षण समाप्त कर देना चाहती है. बीजेपी के लोग जो आयोग गठन करने का राग अलाप रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट बिहार के आरक्षण एक्ट को पहले ही सही बता चुका है.