राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक चर्चा नये अध्यक्ष चुने जाने को लेकर है. इससे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिसंबर 2020 में पटना स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में हुई थी. इसमें आरसीपी सिंह को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था.
सूत्रों के अनुसार कोरोना संकट के कारण सावधानी बरतते हुये नयी दिल्ली में केवल एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया है. नयी दिल्ली में होने वाली बैठक के बारे में विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि जदयू एक व्यक्ति, एक पद की नीति पर चलती है. ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नये अध्यक्ष की तलाश जारी है.
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पिछले दिनों आरसीपी सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका संबंध वर्षों से है और आगे भी रहेगा. वे हमारे नेता हैं और वर्षों से उनके साथ काम किया है. संगठन है तो पार्टी है. तभी मैं मंत्री और हमारे नेता मुख्यमंत्री हैं. सात जुलाई को मंत्री बना हूं. मैं संगठन और मंत्री दोनों का काम मजबूती से करूंगा, लेकिन निश्चित रूप से पार्टी तय करेगी तो मैं यह जिम्मेदारी किसी मजबूत साथी को देने से पीछे नहीं हटूंगा.
जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बारे में कुछ नामों की चर्चा चल रही है. इसमें मुख्य रूप से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के नाम शामिल हैं. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी को संभाल चुके हैं. साथ ही उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है. इसी तरह उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे भी पार्टी के पुराने नेता रहे हैं. कुछ समय के लिए आरएलएसपी का गठन कर जदयू से अलग हुए थे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan