Loading election data...

शिक्षा मंत्री के बयान पर जदयू की राय राजद से अलग, ललन सिंह ने लालू-तेजस्वी के पाले में डाली गेंद

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जदयू का स्पष्ट मानना है कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए. जदयू की नीति में सभी धर्मों का सम्मान और सभी धर्म ग्रंथों का सम्मान शामिल है. हम ऐसे किसी भी बयान का विरोध करते हैं जो किसी की धार्मिक भावना को आहत करे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2023 10:02 PM

रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के विवादित बयान के खिलाफ जदयू का शीर्ष नेतृत्व खुलकर सामने आ गया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि प्राे चंद्रशेखर के विवादित बयान के मामले में राजद नेतृत्व को फैसला लेना है. जदयू का स्पष्ट मानना है कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए. जदयू की नीति में सभी धर्मों का सम्मान और सभी धर्म ग्रंथों का सम्मान शामिल है. हम ऐसे किसी भी बयान का विरोध करते हैं जो किसी की धार्मिक भावना को आहत करे. इससे पहले शुक्रवार को जदयू की तरफ से सबसे पहले भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने मंत्री प्रो चंद्रशेखर के बयान के प्रति विरोध जताया था.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह कोई शिक्षा मंत्री या सुधाकर सिंह का मामला नहीं है. यह राजद के शीर्ष नेतृत्व का मामला है. सब लोगों को मालूम है कि राजद के लोग लगातार भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला बयान दे रहे हैं. यह जानते हुए भी राजद कार्रवाई नहीं कर रहा, चुप है. यह सीधे तौर पर गलत है. रामचरितमानस पर बात करने का मतलब है कि भाजपा के पिच पर खेलना और उनके एजेंडे पर काम करना. लोगों के मन में आशंका है कि किसी न किसी रूप में भाजपा के दबाव में राजद के लोग काम कर रहे हैं. कुछ और मामलों में राजद के शीर्ष नेतृत्व को केंद्र सरकार से मदद मिल जाये, ऐसी आशंकाओं को बल मिल रहा है. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके कार्रवाई हो, ताकि ऐसी आशंकाएं खारिज हो सकें. इतना कुछ होने के बाद भी भाजपा को मदद पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है, तब तो लोगों के मन में आशंका है कि राजद का नेतृत्व यह चाहता है कि केंद्र सरकार से उन्हें कई मामलों में मदद मिले. उसके एवज में भाजपा के लोग फायदा पहुंचा रहे हैं. ऐसी आशंकाओं को निराधार करने की जरूरत है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने तो खुद कहा है कि उनके विधायक सुधाकर सिंह का बयान भाजपा की पॉलिसी के अनुरूप है. उन्होंने स्वयं कहा और जब उनको भी मालूम है और सच भी यही है तो सुधाकर सिंह और शिक्षा मंत्री पर राजद को कार्रवाई करनी चाहिए. वे लोग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, यह दुखद बात है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार को राजद के लोग गाली दे रहे हैं. राजद इस पर मौन है. इसको लोग किस रूप में लेंगे? ऐसी स्थिति में कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? भाजपा का रामचरितमानस पर क्या रुख है? हमारी पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि शिक्षा मंत्री के बयानों से हम इत्तेफाक नहीं रखते हैं. ऐसे चलता है क्या? कार्रवाई करनी चाहिए.

Also Read: बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, रामचरितमानस को बताया नफरत फैलाने वाला ग्रंथ
जदयू विधान पार्षद नीरज ने हनुमान मंदिर में किया रामचरितमानस का पाठ

जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने पटना के राजवंशी नगर स्थित पंचरूपी हनुमान मंदिर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पूजा-अर्चना की. साथ ही रामचरितमानस का पाठ कर बिहार के विकास की प्रार्थना की. पत्रकारों से उन्होंने कहा कि रामचरितमानस देश की धरोहर है. ऐसे ग्रंथों को कौन नकार सकता है. डॉ राम मनोहर लोहिया समाजवादी आंदोलन के प्रणेता थे, जो रामायण मेला लगाते थे. साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी ””हे राम”” कहते रहते थे. संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने भी संविधान में इसका जिक्र किया है. वैसे लोग जो रामचरितमानस पर ऐसा मंतव्य दे रहे हैं, वे कहीं न कहीं उनका अपमान करने की बात है.

Next Article

Exit mobile version